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कोलकाता, 19 फरवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को बड़ा हंगामा देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने चाय बागान पर्यटन नीति से जुड़े एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने पर सदन से वाकआउट कर दिया।
राज्य सरकार ने हाल ही में चाय बागानों की 30 प्रतिशत भूमि का पर्यटन उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का फैसला किया है, जिसका भाजपा शुरू से ही विरोध कर रही है। भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की थी, लेकिन स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और तख्तियां दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने सदन से वाकआउट कर विधानसभा परिसर में धरना दिया।
भाजपा इस नीति का लगातार विरोध कर रही है, और अब नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी 23 फरवरी को उत्तर बंगाल में चाय बागान से जुड़े मुद्दों पर एक बड़ी रैली करने वाले हैं। इस रैली में वे राज्य सरकार पर चाय बागान की भूमि को पर्यटन के लिए देने के फैसले को लेकर तीखा हमला बोल सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस रैली में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग भी शामिल हो सकते हैं।
बुधवार और गुरुवार को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों पर चर्चा होनी है। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी इस चर्चा में शामिल नहीं हो सकेंगे क्योंकि उन्हें सोमवार को कथित अनुशासनहीन व्यवहार के कारण एक महीने के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था।
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी बजट चर्चा में शामिल होने की संभावना कम ही है।
एबीवीपी का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन
इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ” बताया था।
प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया।