चेन्नई, 02 नवंबर। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की गृह सचिव पी. अमुधा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जिवाल और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों को अदालत के आदेशों की अवमानना करने के लिए समन जारी किया है। न्यायालय नें पूरे राज्य में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को रूट मार्च करने की अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए दायर अवमानना की पांच याचिकाओं पर नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर न्यायालय के सामने पेश होने का निर्देश देते हुए कहा कि अवमानना याचिकाओं में नामित सभी अधिकारियों को चार सप्ताह में न्यायालय में उपस्थित होना चाहिए।
आरएसएस के अधिवक्ता राजगोपाल की ओर से न्यायाधीश के संज्ञान में लाया गया कि अदालत ने 16 अक्टूबर, 2023 को एक सामान्य आदेश पारित किया था, जिसमें पुलिस को 22 और 29 अक्टूबर, 2023 को 35 स्थानों पर आरएसएस को रूट मार्च करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। न्यायिक आदेश की घोर अवज्ञा करते हुए ऐसी कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई।
अपने वक्तव्य में, अतिरिक्त लोक अभियोजक आर. मुनियप्पराज ने अदालत को सूचित किया कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपीलों पर 03 नवंबर को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। हालांकि, न्यायाधीश ने उनके अनुरोध को अस्वीकार करते हुए अवमानना याचिकाओं में नामित लोगों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।