
शिमला, 12 अगस्त । हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 14 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 15 से 18 अगस्त तक येलो अलर्ट रहेगा। आज रात लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष 10 जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और सोलन में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट है। 13 व 14 अगस्त को बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है, जबकि ऊना, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और सोलन में येलो अलर्ट रहेगा। 15 व 16 अगस्त को ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।
लगातार बारिश से भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाओं ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार शाम तक नेशनल हाईवे-305 (कुल्लू के जहेड-खनग) और नेशनल हाईवे-505 (लाहौल-स्पीति) भूस्खलन के कारण बंद हैं। इसके अलावा मंडी में 192, कुल्लू में 73, कांगड़ा में 25, चंबा में 15 और शिमला में 7 सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हैं। राज्य में 198 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिनमें लाहौल-स्पीति में 139, मंडी में 34 और शिमला में 10 शामिल हैं। इसी तरह 141 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें मंडी की 69 और कांगड़ा की 41 प्रमुख योजनाएं बंद हैं।
कांगड़ा जिले में पौंग बांध से छोड़े गए पानी के कारण कई गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। ब्यास नदी के तेज बहाव से फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंड एरिया के बडूखर को हाजीपुर (पंजाब) से जोड़ने वाले पुल को खतरा होने पर बड़े वाहनों की आवाजाही तत्काल रोक दी गई है। एसडीएम फतेहपुर ने छोटे वाहनों के चालकों और स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने व अनावश्यक रूप से पुल पार न करने की सलाह दी है।
12 अगस्त की लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा जिला की कोलनी कांगड़ा व धर्मशाला, औऱ मंडी जिला के सनारली-2 में ‘लो’ स्तर का भूस्खलन खतरा दर्ज किया गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में स्थिति सामान्य है।
राजधानी शिमला में सोमवार रात तेज बारिश से कुछ जगह पेड़ गिर गए और वाहनों को नुकसान पहुंचा। हालांकि मंगलवार दिन में बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली।
बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 180 मिमी बारिश कांगड़ा के नगरोटा सुर्रियां में हुई। मंडी के गुलेर में 161 मिमी, घमरूर में 111 मिमी, हमीरपुर के नादौन और कांगड़ा के देहरा गोपीपुर में 80-80 मिमी, जोगिंद्रनगर व गग्गल में 73-73 मिमी, भरेड़ी में 70 मिमी, पालमपुर में 69 मिमी, सुजानपुर टीहरा में 66 मिमी, शिलारू में 54 मिमी और शिमला में 45 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इस मानसून सीजन में अबतक 240 लोगों की मौत, 36 लापता और 324 घायल हो चुके हैं। मृतकों में मंडी के 47, कांगड़ा के 39, चंबा के 26, शिमला व कुल्लू में 21-21, किन्नौर व हमीरपुर के 16-16, सोलन के 15, ऊना के 14, बिलासपुर के 10, सिरमौर के 9 और लाहौल-स्पीति के 6 लोग शामिल हैं। अब तक 2,124 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 509 पूरी तरह ढह गए। 311 दुकानें और 1,993 पशुशालाएं नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1,188 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 410 पूरी तरह ढह गए।
प्रदेश में अब तक 2,011 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,071 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 686 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। इस अवधि में 55 भूस्खलन, 60 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।