गंगासागर, 16 जनवरी । गंगासागर मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस कारण वहां बड़ी मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ भी जमा होता है। एक स्वयं सेवी संस्था इन अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग कर इलाके में सड़क बना रही है। साथ ही समुद्री क्षेत्र में जमा कचरे को पुनर्चक्रित करके दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री बनाने की भी योजना है। संगठन ने इस उद्देश्य के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष गंगासागर मेला आठ जनवरी को सागर स्थित कपिल मुनि आश्रम परिसर में शुरू हुआ। यह शुक्रवार, 17 जनवरी तक जारी रहेगा।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष अब तक 11 मिलियन से अधिक तीर्थयात्री गंगा में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। इतने सारे लोगों के एकत्र होने से समुद्री क्षेत्र में बहुत सारा कचरा जमा हो जाता है। इस स्वयंसेवी संगठन ने उस कचरे के उपयोग के लिए विशेष पहल की है। मेले के बाद श्रद्धालुओं द्वारा समुद्र तट पर छोड़ी गई कांच की बोतलें, कपड़े और अन्य वस्तुओं को एकत्र कर उनसे सड़कें बनाने के साथ ही दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली विभिन्न वस्तुएं बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कार्य नामखाना से गंगासागर तक आठ इकाइयों में किया जा रहा है। 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं।
संस्था की सदस्य अनीता माइति बाला के अनुसार, “गंगासागर में तीर्थयात्री एकत्र हुए हैं। तीर्थयात्रियों द्वारा फेंके गए कचरे का उपयोग गंगा के किनारे विभिन्न सड़कें बनाने में करने के प्रयास चल रहे हैं। इसके अलावा जैविक खाद के उत्पादन के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस महान परियोजना पर 200 से अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं।”