कोलकाता, 3 मई । सीमा सुरक्षा बल के जवान पूर्णम कुमार साव के पाकिस्तान में आठ दिनों से बंदी रहने के मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जवान की अविलंब रिहाई की मांग की है। पार्टी का कहना है कि केंद्र सिर्फ बयानबाजी कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, “सिर्फ डायलॉग बोलने से काम नहीं चलेगा। युद्धपोतों की नुमाइश और लड़ाकू विमानों की उड़ानों से सिर्फ टीवी की टीआरपी बढ़ती है, लेकिन बंगाल के बेटे पूर्णम को पाकिस्तानी रेंजर्स की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए क्या ठोस कार्रवाई हुई है? देश जानना चाहता है कि अब तक हुई चर्चा का नतीजा क्या निकला?”

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “आप कहते हैं कि चुन-चुन कर आतंकवादियों को मारेंगे लेकिन पहले यह बताइए कि आपकी ही बीएसएफ की आंखों के सामने पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा पार कर हमारे जवान को उठा लिया। आपकी सेना और खुफिया एजेंसियां तब क्या कर रही थीं? अब जब जवान पकड़ा गया है तो उसकी रिहाई के लिए तुरंत ठोस कदम उठाएं।”

इस बीच, पूर्णम कुमार साव की गर्भवती पत्नी रजनी साव ने पठानकोट जाकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर वे मायूस होकर हावड़ा जिले के अपने घर लौट आईं। उन्होंने कहा, “आठ दिन बीत चुके हैं। मेरे पति अब भी पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में हैं और बीएसएफ अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं।”