
कोलकाता, 14 नवम्बर । आरजी कर अस्पताल की चिकित्सक-छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान सियालदह अदालत में शुक्रवार को अत्यंत भावनात्मक माहौल बन गया, जब पीड़िता की मां ने खुले अदालत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने जांच एजेंसी के अधिकारियों को “निर्लज्ज’’ कह दिया। इसके कुछ देर बाद अदालत कक्ष से बाहर निकलते ही जांच अधिकारी भावुक होकर रो पड़ीं और कहा, “मैं भी मां हूं।”
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। शुक्रवार को एजेंसी ने अदालत में सातवां स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया कि अब तक 11 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है और सीसीटीवी फुटेज तथा कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर लगातार पूछताछ जारी है।
पीड़िता की मां ने अदालत में कहा कि वह गुप्त बयान देना चाहती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया से वे असंतुष्ट हैं और कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब उन्हें नहीं दिए जा रहे।
पीड़िता के पिता ने भी अदालत में गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सीबीआई “अपराधियों को बचाने की कोशिश” कर रही है। उनका आरोप था कि जांच अधिकारी हॉस्टल से बरामद सामग्री की जानकारी साझा नहीं कर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली जाने और शीर्ष अधिकारियों से बात करने के बाद ही सीबीआई ने अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने की बात कही।
अदालत ने जब पूछा कि क्या हॉस्टल से कोई महत्वपूर्ण चीज मिली थी, तो पीड़िता के पिता ने उत्तर दिया कि मिली थी, और वह इसे गुप्त बयान में बताना चाहेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच अधिकारी घर आकर कहते थे कि “लड़की की किस्मत खराब थी” और एक व्यक्ति का नाम लेकर हत्या का आरोप जता देते थे।
पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी सेमिनार रूम में नहीं रहती थी और यह जानना उनका अधिकार है कि वह वास्तव में कहां थी। उनका कहना था कि शुरू में उन्हें अपनी बेटी के शव को देखने नहीं दिया गया और बाद में मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही उन्हें भीतर जाने दिया गया।
इसी दौरान उन्होंने अदालत में सीबीआई की ओर इशारा करते हुए कहा, “ये बिल्कुल निर्लज्ज हैं।” अदालत ने पीड़िता के माता-पिता को शांत रहने और अदालत कक्ष से बाहर जाने का निर्देश दिया।
कुछ देर बाद जब सीबीआई की महिला अधिकारी अदालत कक्ष से बाहर आईं, तो वे भावुक हो उठीं और रोते हुए कहा, “मैं भी मां हूं।”—–





