कोलकाता, 09 अक्टूबर ।आर.जी .कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो  ने मंगलवार को सियालदह कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में मुख्य आरोपित केवल एक व्यक्ति सिविक वॉलिंटियर संजय राय को बताते हुए एक-एक पल की जानकारी दी है कि कब-कब क्या-क्या कैसे हुआ है। इसकी प्रति जो “हिन्दुस्थान समाचार” के पास है, उसके मुताबिक इस मामले में पहले ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन सीबीआई का दावा है कि इन तीनों में से एक ही मुख्य आरोपित है।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया कि घटना नौ अगस्त को सुबह 4:03 से 4:31 के बीच हुई। इस दौरान मुख्य आरोपित, जिसे पहले ही कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है, ने सेमिनार रूम में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी। यह आरोपित कोलकाता पुलिस द्वारा घटना के 12 घंटे के भीतर पकड़ा गया था और उसकी पहचान सिविक वॉलेंटियर के रूप में की गई है।

कोलकाता पुलिस ने भी अपने शुरुआती जांच में बताया था कि घटना सुबह 4:00 से 4:30 के बीच हुई। पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर आरोपित के मूवमेंट का पता लगाया था, जिसके आधार पर उसे हिरासत में लिया गया। बाद में अदालत के निर्देश पर आरोपित को सीबीआई के हवाले कर दिया गया।

सीबीआई की चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपित के मूवमेंट की पुष्टि ट्रैफिक पुलिस और लालबाजार के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फुटेज से हुई। फुटेज में देखा गया कि आरोपित रात 3:34 बजे बिल्डिंग के अंदर दाखिल हुआ। उस समय उसने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी, और उसके बाएं हाथ में हेलमेट और गले में हेडफोन था। बिल्डिंग में प्रवेश करने के कुछ मिनट बाद, वह वहां से बाहर चला गया और आधे घंटे बाद फिर से सेमिनार रूम में दाखिल हुआ। फुटेज में उसे सुबह 4:31 बजे सेमिनार रूम से निकलते हुए देखा गया। सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि जब आरोपित बाहर निकला, तब उसके गले में हेडफोन नहीं था। इसी हेडफोन को बाद में कोलकाता पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया था, और इसी सबूत के आधार पर पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर को गिरफ्तार किया था।

इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक मुख्य आरोपित है, जबकि बाकी दो आरोपित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व थानेदार अभिजीत मंडल हैं। हालांकि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि इन दोनों का सीधे तौर पर दुष्कर्म और हत्या से कोई संबंध नहीं है, बल्कि इन्हें सबूतों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।