कोलकाता, 07 सितंबर । आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ अब हुगली जिले के एक और क्लब ने इस साल दुर्गा पूजा के लिए सरकारी अनुदान को अस्वीकार करने की घोषणा की है। इससे पहले, राज्य के नौ क्लबों ने पहले ही इस घटना के विरोध में अनुदान लेने से इनकार कर दिया था।
इस बार हुगली के श्रीरामपुर के बैद्यबट्टी सदगोपपाड़ा महिला मिलन चक्र क्लब ने भी अनुदान अस्वीकार करने की बात कही है। क्लब प्रबंधन ने कहा कि वे सरकारी अनुदान नहीं चाहते, वे न्याय चाहते हैं। क्लब की ओर से श्रीरामपुर महकमा शासक के कार्यालय और थाने में चिट्ठी देकर सूचित किया गया है कि वे इस वर्ष आरजी कर की घटना के विरोध में दुर्गा पूजा का अनुदान नहीं लेंगे। उनका कहना है कि अगर दोषियों को दंडित किया जाता है, तो वे अगले वर्ष अनुदान पर विचार करेंगे।
पूजा कमिटी की अध्यक्ष, तपती मुखर्जी ने कहा, “हम मातृशक्ति हैं। हमारे लिए महिलाओं की सुरक्षा सबसे पहले है। हम मानते हैं कि अस्पताल सबसे सुरक्षित स्थान होना चाहिए, लेकिन जब उसी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ ऐसी बर्बर घटना होती है, तो इसका विरोध करना जरूरी है। हमने इस वर्ष सरकार से अनुदान न लेने का निर्णय लिया है। देखते हैं कि दोषियों को सजा होती है या नहीं, उसके बाद ही अनुदान लेने पर विचार करेंगे।” पूजा कमिटी की सदस्य महालक्ष्मी मुखर्जी ने कहा, “जो क्रूर हत्या हुई है, हम महिलाएं उसका विरोध करेंगी। हमें अनुदान नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ अब तक 10 क्लबों ने दुर्गा पूजा के लिए सरकारी अनुदान को अस्वीकार कर दिया है। इससे पहले हुगली के चार अन्य क्लबों ने अनुदान न लेने की घोषणा की थी। वे क्लब हैं: उत्तरपाड़ा के बौठान संघ, उत्तरपाड़ा शक्ति संघ, आपनादेर दुर्गापूजा, और कोन्नगर का मास्टरपाड़ा सर्वजनिन दुर्गोत्सव कमिटी। इसी तरह, तारकेश्वर के एक अन्य क्लब ने भी इस वर्ष अनुदान के लिए आवेदन नहीं किया है। इन सभी क्लबों का कहना है कि वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना का न्याय चाहते हैं। इसी के साथ, जयनगर मजिलपुर नगरपालिका के सात और 14 नंबर वार्ड, मुर्शिदाबाद के कृष्णपुर संन्यासीतला महिला दुर्गोत्सव कमिटी और कोलकाता के मुदियाली आमरा क’जन क्लब ने भी अनुदान का बहिष्कार किया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा समितियों को 85 हजार रुपये की सरकारी आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।