कोलकाता, 10 सितंबर। कोलकाता की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सुनवाई के लिए वर्चुअल मोड में पेश करने की अपील की थी।

संदीप घोष की मौजूदा सीबीआई हिरासत आज समाप्त हो रही है। सुरक्षा की दृष्टि से सीबीआई ने विशेष अदालत से अपील की थी कि उन्हें वर्चुअल मोड में पेश किया जाए क्योंकि जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद संदीप घोष के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने वर्चुअली पेश करने की अनुमति के लिए मौखिक और लिखित दोनों रूपों में अनुरोध किया लेकिन विशेष अदालत ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें शारीरिक रूप से अदालत में पेश करना होगा।

घोष फिलहाल आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई की हिरासत में हैं। राज्य में चिकित्सा क्षेत्र के प्रदर्शनकारी प्रतिनिधियों का दावा है कि जूनियर डॉक्टर को इस दुखद अंत का शिकार इसलिए होना पड़ा, क्योंकि वह अस्पताल के भ्रष्टाचार के बारे में जान गई थी।

अदालत के आदेश के अनुसार मामले में गिरफ्तार तीन अन्य व्यक्तियों, अफसर अली, सुमन हाज़रा और बिप्लब सिन्हा को भी शारीरिक रूप से पेश किया जाना चाहिए। अली, घोष का निजी अंगरक्षक है, जबकि सिन्हा और हाज़रा वे विक्रेता हैं, जो घोष के प्रिंसिपल रहने के दौरान आर.जी. कर अस्पताल को चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करते थे।

उल्लेखनीय है कि जब घोष को पहली बार तीन सितंबर को अदालत में पेश किया गया था तो सीबीआई अधिकारियों को अदालत कक्ष के भीतर उन्हें एस्कॉर्ट करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि अदालत परिसर के बाहर सैकड़ों लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। घोष को अदालत से बाहर लाए जाने के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने उन्हें थप्पड़ भी मारा था।

 

इससे पहले छह सितंबर को विशेष अदालत ने राज्य सुधार सेवाओं के अधिकारियों को बलात्कार और हत्या मामले में गिरफ्तार नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को वर्चुअल मोड में पेश करने की अनुमति दी थी।