कोलकाता, 26 दिसंबर । कोलकाता पुलिस ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को विस्तार देने की अनुमति से इनकार कर दिया है। डॉक्टरों का यह प्रदर्शन सीबीआई द्वारा मुख्य आरोपितों, संदीप घोष और अभिजीत मंडल, के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में विफलता के खिलाफ किया जा रहा है।

डॉक्टरों के साझा संगठन, पश्चिम बंगाल संयुक्त डॉक्टर मंच, ने डोरीना क्रॉसिंग पर इस धरने का आयोजन किया था, जो गुरुवार शाम तक समाप्त होने वाला है। प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार रात संगठन ने कोलकाता पुलिस को पत्र लिखा था। हालांकि, पुलिस ने ईमेल के माध्यम से यह साफ किया कि प्रदर्शन को बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

डॉक्टरों के संगठन ने बताया कि पुलिस पहले भी इस धरने की अनुमति देने से इनकार कर चुकी थी। बाद में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रदर्शन की अनुमति दी थी। संगठन के अनुसार, वे अब कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं ताकि प्रदर्शन को जारी रखा जा सके।

इस बीच, वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर डोरीना क्रॉसिंग का नाम बदलकर “अभया क्रॉसिंग” करने की मांग की है। यह नाम पीड़िता को सम्मान देने के लिए सुझाया गया है, जिसे “अभया” के नाम से संदर्भित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त 2024 को पीड़िता का शव आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला था। पहले कोलकाता पुलिस और फिर सीबीआई ने इसे अपराध स्थल मानकर जांच शुरू की थी। लेकिन केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की हालिया रिपोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सेमिनार हॉल में संघर्ष के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, जिससे यह आशंका गहराती है कि असली अपराध स्थल कहीं और था और जांच को गुमराह करने के लिए शव को वहां रखा गया।

विशेष अदालत ने हाल ही में सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहने के कारण संदीप घोष और अभिजीत मंडल को डिफॉल्ट जमानत दे दी। इन दोनों पर जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलता, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।