कोलकाता, 17 अगस्त । आर.जी. कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में सीपीएम की युवा शाखा डीवाईएफआई की राज्य सचिव मिनाक्षी मुखर्जी को कोलकाता पुलिस ने तलब किया है। यह जानकारी लालबाजार के सूत्रों के हवाले से मिली है। हालांकि, मिनाक्षी से इस मामले में संपर्क नहीं हो पाया है। इस पर सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने शनिवार को कहा, “अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है। यकीनन नोटिस भेजा जाएगा। जो भी आंदोलन कर रहे हैं, शायद उन्हें भी बुलाया जाएगा।”
महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में चल रहे “महिलाओं की रात की सुरक्षा” अभियान के दौरान, दंगाईयों क एक समूह ने आर.जी. कर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में घुसकर तोड़फोड़ की थी। अस्पताल के इमरजेंसी विभाग का टिकट काउंटर, हाइब्रिड क्रिटिकल केयर यूनिट (एचसीसीयू), क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) और दवाइयों के स्टोर रूम को नुकसान पहुंचाया गया। साथ ही अस्पताल परिसर के बाहर भी तोड़फोड़ की गई। यहां तक कि आर.जी. कर की पुलिस चौकी और आंदोलनकारी छात्रों के मंच पर भी हमला किया गया, जो इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस वाहनों को तोड़फोड़ का निशाना बनाया गया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। थोड़ी देर बाद, बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) को तैनात किया गया, जिसने आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। हालांकि, इसके बावजूद पूरी तरह से स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी, और पुलिस पर पथराव किया गया।
इस घटना में पुलिस ने अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। हमलावरों की पहचान के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि आर.जी. कर अस्पताल पर हमले के दौरान डीवाईएफआई का झंडा देखा गया था। पुलिस ने भी कहा कि मिनाक्षी और उनके साथी उस समय अस्पताल के पास धरने पर बैठे थे।
इसके पहले शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मिनाक्षी ने कहा, “हमारे झंडे सिर्फ हमारे ऑफिस में नहीं मिलते, बल्कि उन्हें बड़े बाजार में भी खरीदा जा सकता है। जब हम संगठन का झंडा उठाते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी भी लेते हैं।” पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के दौरान अस्पताल के बाहर ऐसे झंडे देखे गए, लेकिन अंदर वामपंथी झंडे होने के कोई सबूत नहीं मिले। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार रात कुछ लोगों से पूछताछ की। कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शुक्रवार को कहा कि आर.जी. कर अस्पताल पर हमले के मामले में पुलिस किसी को छिपाने की कोशिश नहीं कर रही है, बल्कि सबूत जुटा रही है। जैसे ही पुख्ता सबूत मिलेंगे, आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।