कोलकाता, 12 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के मामले में सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में पुलिस को निर्देश दिया है कि इस घटना की गहन जांच की जाए और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए। ममता बनर्जी ने सोमवार को उत्तर 24 परगना में मृतक डॉक्टर के परिवार से मुलाकात की और इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

ममता बनर्जी ने कहा, “डॉक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि इस मामले में मेडिकल कॉलेज के अंदर किसी का हाथ हो सकता है। पुलिस को इस मामले की तह तक जाना होगा और अगर जरूरत पड़े तो संबंधित लोगों से पूछताछ की जाए। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि उस दोस्त से भी पूछताछ की जानी चाहिए, जिसने उस दिन फोन कर घटना की जानकारी दी थी। यह स्पष्ट है कि मृतक डॉक्टर के माता-पिता इस घटना को लेकर गंभीर शंका जता रहे हैं और इसे साधारण हत्या मानने से इंकार कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले की गहराई से जांच की मांग की है।

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि समाज में अभी भी कई लोग हैं जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा को गंभीर अपराध नहीं मानते। इसलिए हम इस मामले में फांसी की सजा की मांग करेंगे और इसे फास्ट ट्रैक अदालत में पेश करने की बात कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

मुख्यमंत्री ने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रविवार तक पुलिस इस मामले की जांच पूरी नहीं करती है, तो इसे सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, ममता ने यह भी याद दिलाया कि “कोलकाता पुलिस दुनिया की सबसे बेहतरीन पुलिस है और मैंने इस मामले में सबसे सक्षम अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है।

इससे पहले भी ममता बनर्जी ने महिला डॉक्टर की मौत को “घृणित और अमानवीय” करार दिया था और आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि मैं जूनियर डॉक्टरों के विरोध को जायज मानती हूं और उनकी मांगों से सहमत हूं। मैंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि दोषियों को चिह्नित कर इस मामले को तीन से चार दिनों के भीतर फास्ट ट्रैक अदालत में पेश किया जाए और जरूरत पड़ने पर फांसी की सजा की मांग की जाए।