कोलकाता, 18 नवंबर । आर.जी. कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोपित सिविक वॉलंटियर को सोमवार को सियालदह अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान आरोपित ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए मीडिया को संबोधित करने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस ने वाहन की छत पीट कर और जेल वैन का हॉर्न बजाकर अपनाया उसकी आवाज दबाने का प्रयास किया।
सीबीआई की चार्जशीट में सिविक वॉलंटियर को इस जघन्य अपराध के मुख्य दोषी के रूप में पेश किया गया है। अदालत में सुनवाई 11 नवंबर से लगातार चल रही है। आरोपित ने कई बार पुलिस वाहन के अंदर से चिल्लाते हुए अपनी बेगुनाही का दावा किया। उसने आरोप लगाया कि उसे फंसाया गया है और इस मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल का नाम लिया।
शनिवार और रविवार को अदालत बंद होने के बाद सोमवार को आरोपित को फिर से पेश किया गया। अदालत परिसर में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच आरोपित को जेल वैन से बाहर लाया गया। लेकिन जैसे ही उसने कुछ बोलने की कोशिश की, पुलिस ने तुरंत वैन की छत को पीटना शुरू कर दिया और हॉर्न बजा दिया, जिससे उसकी आवाज दब गई।
कुणाल घोष प्रकरण की याद ताजा
यह घटना 2013 के कुख्यात सारधा घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल नेता कुणाल घोष की याद दिलाती है। उस समय भी पुलिस ने कुणाल की आवाज दबाने के लिए गाड़ी की छत पीटी थी, क्योंकि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे। आरजी कर मामले में भी पुलिस ने यही रणनीति दोहराई।
सोमवार को सियालदह अदालत परिसर में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की भारी तैनाती थी। आरोपित की हर हरकत पर नजर रखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
इस मामले में सुनवाई जारी है, और आरोपित का दावा है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। अब देखना होगा कि अदालत इस पर क्या फैसला सुनाती है।