कोलकाता, 28 अगस्त । आर.जी. कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को धरना और रैली करने की अनुमति दी है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की अदालत में हुई। कांग्रेस के वकील ने 29 अगस्त को कॉलेज स्क्वायर से श्यामबाजार तक रैली निकालने की अपील की थी, जिसका राज्य सरकार ने विरोध नहीं किया। इस कारण अधीर चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस को बिना शर्त रैली की अनुमति दे दी गई।
वहीं, आर.जी. कर की घटना के विरोध में भाजपा ने धर्मतला में धरना देने के लिए कोलकाता पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई जवाब न मिलने पर भाजपा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बुधवार की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि 29 अगस्त से पांच सितंबर तक भाजपा को धर्मतला के वाई चैनल पर धरना देने की अनुमति है। हालांकि, मंच पर किसी भी हालत में एक हजार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते।
हाई कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता संतुष्ट हैं। गुरुवार को कांग्रेस और भाजपा के नेता अपने-अपने तरीकों से विरोध प्रदर्शन करेंगे। जहां कांग्रेस का प्रदर्शन एक दिन का होगा, वहीं भाजपा ने लगातार धरने का विकल्प चुना है। हालांकि, अदालत ने उन्हें पांच सितंबर तक की ही अनुमति दी है।
कांग्रेस की ओर से संगठन के प्रभारी निलय प्रामाणिक ने कहा कि राज्य सरकार पर दबाव आ गया है, इसीलिए उन्होंने बगैर किसी विरोध के हमें अनुमति दी। इससे पहले जब हम किसी कार्यक्रम के लिए आवेदन करते थे तो पुलिस जवाब नहीं देती थी। लेकिन हाई कोर्ट में अर्जी डालने के बाद राज्य सरकार के वकीलों ने कोई आपत्ति नहीं जताई। यह दबाव राज्य के लोगों की वजह से संभव हुआ है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस की ओर से हम राज्य की जनता का स्वागत करते हैं।
दूसरी ओर, भाजपा के विधायक शंकर घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अगर विरोध करना हो तो कलकत्ता हाई कोर्ट के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। हम हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। आर.जी. कर अस्पताल में जिस महिला डॉक्टर की मृत्यु हुई है, उसके लिए न्याय और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पूरी होने तक हमारा विरोध जारी रहेगा।
इस तरह, आर.जी. कर अस्पताल में हुए अपराध के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने-अपने तरीकों से विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। कांग्रेस जहां रैली के माध्यम से अपनी आवाज उठाएगी, वहीं भाजपा धरने के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।