धमतरी,25 अक्टूबर। बेलरगांव तहसील के घुरावड़, जैतपुरी एवं आसपास के गांवों में 45 सदस्यीय हाथियों का दल तीन-चार दिनों से धान की फसल को खाकर व रौंदकर आतंक मचा रहे हैं। इससे किसान परेशान हैं और ग्रामीणों में दहशत है।

धमतरी जिले के बेलरगांव तहसील के अंतिम छोर पर कांकेर जिले की सीमा पर बसे ग्राम घुरावड़, जैतपुरी एवं आसपास के गांवों में हाथियों का आतंक है। शनिवार की रात 10 बजे बिरगुड़ी रेंज के जंगल से 45 हाथियों का झुंड ग्राम घुरावड़ के खेतों में पहुंच गया। किसान भगवानदीन सोरी, घुरऊ मरकाम, जीवन सरोज, हीरा सिंह मरकाम के पांच एकड़ धान का फसल एवं एक एकड़ में लगे मक्का को रौंदकर एवं खाकर नुकसान पहुंचाया। गांव से लगे तालाब में प्यास बुझाने के बाद हाथियों के झुंड ने विश्राम किया। हाथियों के झुंड में छोटे बच्चे भी हैं। तीन-चार दिनों से हाथियों का झुंड क्षेत्र में बना हुआ। दिन में हाथी जंगल व तालाब के आसपास आराम फरमाते हैं। रात में खेतों एवं बाडि़यों में आकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

हाथियों के आतंक से किसान परेशान हैं। ग्रामीण भयभीत हैं। किसानों ने हाथियों से फसल के नुकसान का शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है।ग्राम घुरावड़ में नवरात्र में शनिवार के दिन रात्रिकालीन कार्यक्रम चल रहा था। अचानक रात में हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही ग्राम जैतपुरी एवं घुरावड़ के लोग कार्यक्रम छोड़कर अपने-अपने घर की ओर चले गए। कार्यक्रम को सावधानी बरतते हुए जल्दी खत्म कर दिया गया। ग्रामीणों ने पटाखें फोड़कर बस्ती की ओर आ रहे हाथियों कों जंगल की ओर खदेड़ा। इसके बाद से ग्रामीण रात में दहशत में हैं। रात में ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकलते।

नगरी क्षेत्र के जंगल में लोगों और हाथियों का सामना होने पर कई लोगों की जान जा चुकी है। लोगों के साथ हाथियों का ज्यादातर सामना जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ाई के समय हुआ। तेंदूपत्ता तोड़ने लोग जंगल में जाते हैं और हाथी से आमना-सामना होने पर वे लोगों को मौत के घाट उतार देते हैं। इसलिए हाथी के विचरण क्षेत्र वाले लोगों को सावधान रहना आवश्यक है।(हि.स.)