
देहरादून, 6 अगस्त। उत्तरकाशी जिले के धराली के खीरगाढ़ में मंगलवार को बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। अपर सचिव आनंद स्वरूप ने आपदा राहत एवं बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से जिलाधिकारी उत्तरकाशी को 20 करोड़ की धनराशि जारी की है। उधर, राज्य में लगातार चौथे दिन बुधवार को बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मैदानी जिले जलभराव की स्थिति के साथ पर्वतीय इलाकों में संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं।
धराली में राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली के खीरगाढ़ में कल बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीम राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। अब तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयों और ठहरने की व्यवस्था की गई है।
14वीं राजपूताना रायफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में लगभग 150 सैनिक प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों में लगे हुए हैं। वहीं, एसडीआरएफ की तीन टीमें घटनास्थल पर हैं और लगभग 70 से 80 लोगों को गंगोत्री में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एसडीआरएफ के सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि दल की अन्य टीमें उन्नत उपकरण और डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल के लिये निकल चुकी हैं। क्षेत्र में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से कईं स्थानों पर रास्ते बाधित हो गए हैं, जिसके चलते घटनास्थल पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राहत कार्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए दो आईजी, तीन एसपी, 11 डिप्टी एसपी और लगभग 300 पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा गया है। पीएसी और भारतीय रिजर्व बटालियन की विशेष टुकड़ियां भी राहत कार्यों में लगी हुई हैं। लोक निर्माण विभाग और बी.आर.ओ बाधित सड़कों को खोलने पर जुटा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली प्रभावित क्षेत्र में आपदा पीड़ितों के लिए सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने देहरादून आपदा परिचालन केंद्र से धराली की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी राहत एजेंसियों को समन्वय के साथ कार्य करने, प्रभावितों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र में आपात सेवाओं को छोड़ कर सभी शैक्षणिक और अन्य संस्थान बंद रखने, संचार और बिजली व्यवस्था बहाल करने तथा होटल-होमस्टे में आवास, भोजन और दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देश पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तीन टीमें उत्तरकाशी रवाना की गई हैं। हर्षिल पीएचसी, भटवाड़ी पीएचसी, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में अतिरिक्त बेड आरक्षित किए गए हैं। 108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर है और सभी चिकित्सकों के अवकाश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना से एम.आई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर, साथ ही यूकाडा के हेलीकॉप्टर मांगे गए हैं। मौसम अनुकूल होते ही हवाई मदद शुरू की जाएगी।
रुद्रप्रयाग जिले में सुरक्षा कारणों से केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग भी बंद है। गंगोत्री मार्ग बंद होने राहत व बचाव टीमों को धराली पहुंचने में दिक्कत हो रही है।
राज्य में मौसम का आरेंज व यलो अलर्ट जारीमौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में आज भारी बारिश का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी और उधमसिंह नगर में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों में आज एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।