कोलकाता, 12 मार्च। कृष्ण बिहारी मिश्र अध्ययन मण्डल तत्वावधान में पद्मश्री से सम्मानित डा.कृष्ण बिहारी मिश्र की द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर उनकी पुस्तक’ गौरैया ससुराल  गयी’ का  विमाेचन किया गया।

समारोह की  अध्यक्षता करते हुए डा.वसुंधरा मिश्र ने कहा कि डा.कृष्णबिहारी मिश्र ने भारतीय संस्कृति व मूल्यों को अपनी  रचनाधर्मिता में परिणत किया है और उनका संरक्षण किया है।आज मूल्यों  पर निर्मम तरीके से हो रहे प्रहार से वे उदास और चिंतित थे।

इस मौके पर  डॉ० रेशमी पंडा मुखर्जी ने कहा कि  ‘गौरैया सुसराल गयी’  निबंध संग्रह में मैना, गौरैया और पक्षियों से लेकर श्यामा कीट, अशोक, शिरीष, पारिजात के प्रति उनका प्रेम छलकता है। उनकी रचना में हिंदी की मिठास मिलती है। इसमें पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण, बाजारवादी व उपभोक्तावादी वर्चस्व पर चिन्ता प्रकट की  गई है।

इस अवसर पर प्रमोद शाह, अनिल कुमार शुक्ल , नारायण राव,लखन कुमार सिंह, राज मिठौलिया, अविनाश गुप्ता ने अपने विचार रखे।

राजस्थान सूचना केंद्र के  सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन अजयेंद्र त्रिवेदी व कमलेश मिश्र ने  धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर प्रदीप कुमार धानुक, जीवन सिंह, ओम प्रकाश चौबे,आशा ओझा,रामनाथ महतो,अनुषा शर्मा, दिव्या प्रसाद, नंदलाल सेठ रौशन ,श्रीमोहन तिवारी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।