
नई दिल्ली, 14 अगस्त । भारत ने टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर विवाद के बीच गुरुवार को कहा कि अमेरिका के साथ हम एक ठोस एजेंडे पर केंद्रित होकर काम कर रहे हैं और आशा करते हैं कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर दोनों देशों के संबंध आगे बढ़ते रहेंगे।
भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों देश साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मज़बूत जन से जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ को लेकर भारत के साथ सख्त रवैये से दोनों देशों के रिश्ते हाल के दिनों में कठिन दौर से गुजर रहे हैं। दोनों देश वाणिज्य समझौते पर काम कर रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि हम अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे।
इसी क्रम में भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के प्रश्न पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी मूलभूत रक्षा समझौतों पर आधारित है। यह द्विपक्षीय साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह मज़बूत सहयोग सभी क्षेत्रों में मज़बूत हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगस्त के मध्य में एक अमेरिकी रक्षा नीति दल दिल्ली में होगा। संयुक्त सैन्य अभ्यास – युद्ध अभ्यास का 21वां संस्करण भी इस महीने के अंत में अलास्का में आयोजित होने की उम्मीद है। दोनों पक्ष महीने के अंत में कार्यकारी स्तर पर टू प्लस टू अंतर-सत्रीय बैठक आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिकी मुद्रा डॉलर के खिलाफ ब्रिक्स देशों की कथित मुहिम को लेकर राष्ट्रपति ट्रम्प की चिंताओं पर प्रवक्ता ने कहा कि डॉलर विहीन विश्व अर्थव्यवस्था भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने इसके साथ ही अमेरिकी प्रशासन की ओर से जारी मानवाधिकार रिपोर्ट को खारिज कर दिया। प्रवक्ता ने कहा कि ये रिपोर्टें आरोपों, गलतबयानी और एकतरफ़ा अनुमानों का मिश्रण हैं जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे, बहुलवादी समाज और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मज़बूत संस्थागत तंत्र की कमज़ोर समझ को दर्शाती है। हम ऐसे पक्षपातपूर्ण आकलनों पर कोई भरोसा नहीं करते। हम समावेशी शासन और विकास के माध्यम से अपने लोगों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित हैं।