ओंकार समाचार

कोलकाता, 15 नवंबर। “मारवाड़ी समाज संक्रमण के दौर में है जिसमें पीढ़ियों के अंतर्द्वंद्व से उपजा वैचारिक संकट तो है ही नई पीढ़ी की सामाजिक क्षेत्र से मोहभंग की भी स्थिति है एवं इस गंभीर स्थिति पर कहीं कोई विचार-विमर्श नहीं है।” पश्चिम बंगाल प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के परंपरागत दीपावली प्रीति सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध उद्योगपति और गंगा मिशन के महासचिव प्रहलाद राय गोयनका ने ये बातें कहीं।

गोयनका ने कहा कि मारवाड़ी समाज विकट परिस्थितियों के सम्मुखीन है जहां मतभेद से अधिक मनभेद बढ़ रहा है। आपसी मनमुटाव का खामियाजा परिवार और समाज को भुगतना पड़ रहा है। नई सामाजिक परियोजनाएं बन नहीं रहीं। पुरानी और ऐतिहासिक संस्थाएं अव्यवस्था और अराजकता की शिकार हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक क्षेत्र में कार्यकर्ता तेजी से कम हो रहे हैं। एक समय समाज के सेवाभावी लोगों द्वारा आपसी समन्वय से स्थापित की गई संस्थाएं धीरे-धीरे निष्क्रिय हो रही हैं या भारी घाटे में चल रही हैं। प्रबंधन में नई सोच का अभाव और परिवर्तन मुखी नई व्यवस्था के प्रति विरक्ति का भाव है जिससे परिस्थिति जटिल होती जा रही है।

गोयनका ने सामाजिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि सामाजिक मंचों पर गंभीर विषयों को लेकर नियमित चिंतन-मंथन की जरूरत है जिसमें सभी पीढ़ी को उचित प्रतिनिधित्व मिले तभी कोई समाधान निकल सकता है।

आयोजन की भूमिका बताते हुए ताजा टीवी एवं छपते छपते के प्रधान संपादक व सम्मेलन के संरक्षक विश्वंभर नेवर ने कहा कि सम्मेलन के बैनर तले लंबे समय से सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं आंदोलन का नेतृत्व किया जाता रहा है। समाज में सार्थक बदलाव के लिए ऐसे वैचारिक विमर्श का बड़ा महत्व है। कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री मृदुला कोठारी के सस्वर हिंदी और राजस्थानी गीतों से हुई। सम्मेलन के अध्यक्ष जगदीश एन मूंधड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।