कोलकाता, 22 जनवरी। राशन घोटाला मामले में देगंगा के तृणमूल नेता अनिसुर रहमान को बुधवार को जमानत मिल गई। पिछले साल अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिसुर और उनके भाई मुकुल रहमान उर्फ अलिफ नूर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, इसी मामले में राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को भी जमानत दी गई थी।

अनिसुर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कुछ शर्तें लगाई हैं। अनिसुर को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा और जांच अधिकारी (आईओ) के बुलावे पर हर बार पेश होना पड़ेगा। इसके अलावा, वह बिना अनुमति के देश छोड़कर नहीं जा सकते और जांच से संबंधित किसी भी साक्ष्य को नष्ट नहीं कर सकते। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनिसुर को मामले की आगामी सुनवाइयों में उपस्थित होना अनिवार्य होगा।

2024 के अगस्त महीने में राशन घोटाले से जुड़े मामलों की जांच के दौरान ईडी ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान देगंगा में अनिसुर के भाई अलिफ के घर और चावल मिलों पर भी कार्रवाई हुई थी। ईडी ने वहां से दो मोबाइल फोन, कई दस्तावेज और 13 लाख रुपये नकद जब्त किए थे। इसके बाद अनिसुर और अलिफ को पूछताछ के लिए सिजीओ कॉम्प्लेक्स बुलाया गया था, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

ईडी ने अदालत में दावा किया था कि अनिसुर और अलिफ, राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की संस्था को 10 लाख रुपये की राशि देते थे। ईडी ने ज्योतिप्रिय के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनसे बरामद एक चिट्ठी को भी सबूत के तौर पर पेश किया था। इस चिट्ठी में ‘मुकुल’ नाम का उल्लेख था, जो अलिफ का दूसरा नाम है।

हालांकि अनिसुर को जमानत मिल गई है, लेकिन उनके भाई मुकुल अभी भी जेल में हैं। अदालत के इस फैसले के बाद घोटाले में शामिल अन्य आरोपितों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।