उदयपुर, 22 अप्रैल। क्षत्रिय स्वाभिमान मंच के बैनर तले एक़ आए विभिन्न राजपूत संगठनों ने भाजपा पर नाराजगी जताते हुए ऐलान किया है कि समाज स्वाभिमान से समझौता नहीं करेगा।
यहां उदयपुर के एक होटल में सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में राजपूत करणी सेना, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, क्षत्रिय युवा महासभा एवं मेवाड़-वागड़ के समस्त क्षत्रिय सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त मंच से कहा कि वे भाजपा नेताओं द्वारा राजपूत समाज और महिलाओं के प्रति अशोभनीय बयानों से आहत हैं और समाज के कहने के बावजूद भाजपा द्वारा किसी भी तरह का क्षोभ प्रकट नहीं करने से सम्पूर्ण समाज में नाराजगी है। खासतौर से राजकोट से भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम रूपाला और गत दिनों चित्तौड़ में हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि जो भाजपा सनातन का दम्भ भरती है, उसी सनातन की रक्षार्थ सिर कटाने वाले राजपूत समाज का अपमान कर रही है। इसी वजह से राजपूज समाज ने निर्णय किया है कि वह चुनाव में वोट का बहिष्कार तो नहीं करेंगे, लेकिन समाज की प्राथमिकता राजपूत प्रत्याशी के प्रति रहेगी। जहां दोनों प्रमुख दलां से राजपूत प्रत्याशी होंगे या एक भी राजपूत प्रत्याशी नहीं होगा वहां पर यह देखा जाएगा कि कौन राजपूत समाज के स्वाभिमान का हितैषी है।
प्रतिनिधियों में विभिन्न राजपूत संगठनों के प्रवीण सिंह झाला, अर्जुन सिंह चुण्डावत, जीवन सिंह, निर्भय सिंह, दिग्विजय सिंह, कृष्णा कंवर, सपना देवड़ा आदि शामिल थे।
मेवाड़ क्षे़त्र में आने वाली राजसमंद सीट से भाजपा प्रत्याशी महिमा कुमारी मेवाड़ को समर्थन के सवाल पर प्रतिनिधियों ने कहा कि चूंकि महिमा कुमारी ने अब तक राजपूत समाज के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने जैसा न तो बयान दिया है न ही भाजपा द्वारा दिए जा रहे स्पष्टीकरण की वकालत की है, और वे राजसमंद सीट से दोनों प्रमुख दलों में अकेली राजपूत प्रत्याशी हैं, ऐसे में उनका विरोध नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा सीट जीतने के लिए ही विश्वराज सिंह मेवाड़ को भाजपा ने टिकट दिया, ताकि राजपूत समाज उनके साथ हो जाए।
राजपूत प्रतिनिधियों ने बाड़मेर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रवीन्द्र सिंह भाटी के खिलाफ भाजपा के आईटी सेल द्वारा खेले जा रहे खेल से भी राजपूत समाज की नाराजगी बढ़ रही है। भाटी को सोशल मीडिया पर इस तरह से प्रस्तुत किया जा रहा है मानो वह देशद्रोही हो। प्रतिनिधियों ने कहा कि भाटी में राजपूत समाज का एक नया उभरता नेतृत्व देख रहा है और भाजपा उसे अनर्गल बातों द्वारा कुचलने का खेल कर रही है।
राजपूत प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज का 95 प्रतिशत वर्ग भाजपा समर्थक है और राजकोट से रूपाला के अशोभनीय बयान के बाद उनको टिकट नहीं देने की मांग की गई थी, लेकिन भाजपा ने यह मांग नहीं सुनी। उलटे कहीं-कहीं तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राजपूत समाज पर और भी टिप्पणियां कर दीं, इससे ऐसा लग रहा है कि भाजपा में अहंकार आ गया है और यही अहंकार इसे ले डूबेगा।