जयपुर 22 अक्टूबर । राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा का सिलसिला शुरु होने के साथ ही चुनावी सरगर्मियां तेज होने लगी है लेकिन प्रदेश में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की घोषित दूसरी सूची में कई प्रत्याशियों को कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा की शनिवार को 83 उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद चित्तौड़गढ़ से मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर उनकी जगह जयपुर के विद्याधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी को दिए जाने का आक्या के समर्थकों ने विरोध करना शुरु कर दिया और हजारों की संख्या में आक्या के समर्थक एवं पार्टी कार्यकर्ता जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। आक्या ने उनका टिकट कटने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने उनका टिकट कटवाकर उनसे खुन्नस निकाली हैं।
चित्तौड़गढ़ में रविवार को भी आक्या के समर्थन में हजारों लोग एकत्रित हुए और आगे की रणनीति बनाने पर विचार किया। इसे आक्या का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची में राजवी का विद्याधरनगर से टिकट काटकर उनकी जगह सांसद दीया कुमारी को प्रत्याशी बनाने पर राजवी एवं उनके समर्थक नाराज हो गए थे। अब राजवी को जब चित्तौड़गढ़ से टिकट दे दिया तो वहां आक्या नाराज हो गए। राजवी चित्तौड़गढ़ से भी विधायक रह चुके हैं।
इसी तरह भाजपा की दूसरी सूची में घोषित राजसमंद सीट के लिए विधायक दीप्ति माहेश्वरी को टिकट दिए जाने का भी जोरदार विरोध किया जा रहा है और नाराज कार्यकर्ताओं ने तो भाजपा के जिला कार्यालय में तोड़फोड़ भी कर दी और कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने टायर जलाकर अपना विरोध जताया है। नाराज कार्यकर्ता जिला कार्यालय में कुर्सियां तोड़कर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा गया है कि अगर प्रत्याशी नहीं बदला गया तो चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जायेगा।
नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत ने नाराजगी जताते हुए अपने पदों से इस्तीफा देने की बात भी सामने आ रही है। कुमावत का कहना है कि राजसमंद में भाजपा वंशवाद को बढ़ा दे रही है। इस दौरान जिला अध्यक्ष मानसिंह बारहठ का घेराव भी किया गया और कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेता को टिकट नहीं मिलने का अपना दर्द बयान किया।
इसी प्रकार दूसरी सूची में ही कुंभलगढ़ विधानभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को फिर से चुनाव मैदान में उतार देने का भी विरोध शुरु हो गया। कुंभलगढ़ से अनोप सिंह और उनके समर्थक श्री राठौड़ को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। अनोप सिंह का कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो उन्हें चाहे चुनाव लड़ना पड़े या किसी को लड़ना पड़े लेकिन श्री राठौड़ को हराने के लिए हरसंभव कोशिश की जायेगी।
उदयपुर में भी भाजपा प्रत्याशी ताराचंद जैन का विरोध किया जा रहा है और उपमहापौर पारस सिंघवी अपने समर्थकों के साथ विरोध जता रहे हैं। उन्होंने पार्टी को अपनी बात पहुंचाते हुए कहा है कि उसे अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार कर उदयपुर की जनता की भावना का आदर कर उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गलत निर्णयों के कारण कार्यकर्ता सड़कों पर उतर रहे हैं। अगर इस पर चिंतन एवं विचार नहीं किया तो कोई नया रास्ता अपनाने के लिए विवश होना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि काम करने वाले को टिकट मिलना चाहिए लेकिन इस सूची में जिसे टिकट दिया गया वह भाजपा को सड़क पर लाने का काम किया, उसे टिकट देकर पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को पुरस्कृत किया गया है जो दुर्भागयपूर्ण हैं।
जयपुर में सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को दिए जाने का भी जोरदार विरोध शुरु हो गया। लाहोटी के समर्थकों ने प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच कर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की और कहा गया कि सांगानेर में बाहरी व्यक्ति नहीं चलेगा।
इसी तरह रतनगढ़ में विधायक अभिनेश महर्षि और मकराना में नये प्रत्याशी सुमिता भींचर का भी विरोध होने लगा हैं।उधर रविवार को जयपुर में मीडिया सेंटर के उद्घाटन के मौके पर जब मीडिया ने प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी से दूसरी सूची के उम्मीदवारों का हो रहे विरोध के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि भाजपा में सामूहिक रुप से निर्णय लिए जाते हैं और टिकट वितरण में भी सामूहिकता से फैसले किए गए हैं और प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर उत्साह हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा की पहली सूची में भी जयपुर में विद्याधर नगर से दीया कुमारी, झोंटवाड़ा से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित कई प्रत्याशियों का विरोध हुआ। भाजपा ने टिकट नहीं मिलने से उपजे विरोध एवं नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं को समझाने एवं बात करने के लिए केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई हैं जो नाराज कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं।