
रांची, 28 मई । पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की ओर से हेमंत सरकार पर लगाए गए आरोपों पर सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा और रघुवर दास आदिवासी समाज के मुद्दों को लेकर केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं, न कि समाधान देना।
विनोद पांडेय ने कहा कि रघुवर दास को पेसा कानून की याद अब आ रही है, जबकि उनके पूरे शासनकाल में इस दिशा में एक भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने पूछा कि यदि उन्हें आदिवासी समाज की इतनी ही चिंता थी तो 2014 से 2019 के दौरान भाजपा सरकार ने पेसा कानून लागू क्यों नहीं किया। भाजपा नेता बताएं कि उन्होंने राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा आखिर कहीं पर भी सरना आदिवासी धर्म कोड या पेसा नियमावली के लिए कोई पहल क्यों नहीं की।
उन्होंने कहा कि भाजपा को आदिवासियों के स्वशासन से नहीं, बल्कि सत्ता से मतलब है। झामुमो महासचिव ने कहा कि भाजपा को पेसा कानून की मूल भावना से नहीं, बल्कि इसे अपने एजेंडे के अनुसार मोड़ने में रुचि है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार पेसा नियमावली को लेकर गंभीरता से काम कर रही है और तमाम वैधानिक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद अब अंतिम स्तर पर प्रक्रिया हो रही है।
उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं आदिवासी हैं, सरना धर्म को मानने वाले हैं और भाजपा को यह रास नहीं आता। इसलिए वह समाज को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
पांडेय ने भाजपा पर आदिवासी समाज को विदेशी धर्म और मूल धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है, जो आदिवासियों को ईसाई बताकर उनकी नागरिकता, रोज़गार और अधिकारों को संदेह के घेरे में खड़ा करती रही है।