
कोलकाता, 04 मार्च । पश्चिम बंगाल में उच्च माध्यमिक (उच्च माध्यमिक) परीक्षा में पंजीकरण कराने के बावजूद छात्रों के परीक्षा में शामिल न होने की बढ़ती प्रवृत्ति पर शिक्षा जगत में चिंता गहराने लगी है। बीते कुछ वर्षों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां हजारों छात्र परीक्षा के लिए नामांकन कराने के बावजूद परीक्षा में नहीं बैठ रहे हैं।
शिक्षाविदों का मानना है कि यह प्रवृत्ति राज्य बोर्ड की ओर छात्रों की घटती रुचि को दर्शाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके पीछे दो प्रमुख कारण हो सकते हैं। पहला, पंजीकरण के बाद छात्रों का किसी अन्य बोर्ड में स्थानांतरण कर लेना। दूसरा, आर्थिक दबाव के कारण पढ़ाई छोड़कर नौकरी करने की मजबूरी।
इस वर्ष सोमवार से शुरू हुई उच्च माध्यमिक परीक्षा में भी यह स्थिति देखने को मिली। इस साल परीक्षा में लगभग 5.09 लाख छात्र शामिल हुए हैं, जबकि वर्ष 2023 में माध्यमिक (दसवीं) परीक्षा पास करने के बाद कुल 5.54 लाख छात्रों ने उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। यानी 45 हजार छात्र पंजीकरण के बावजूद परीक्षा से दूर रहे।
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह गिरावट और स्पष्ट होती है। वर्ष 2024 में 9.13 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन परीक्षा में केवल 7.89 लाख ही शामिल हुए। वहीं, 2023 में 10.51 लाख पंजीकरण के मुकाबले सिर्फ 8.18 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी।
राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि राज्य में छात्रों की राज्य बोर्ड में घटती रुचि पर जांच की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।