
कोलकाता, 31 मई । पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले के बाद नियुक्ति के लिए नए सिरे से अधिसूचना जारी किए जाने के बावजूद नौकरी से निकाले गए योग्य यानी ‘बेगुनाह’ शिक्षक अब बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। वे देबारा परीक्षा देने के मूड में नहीं हैं। शुक्रवार को कोलकाता के सियालदह स्टेशन पर इन शिक्षकों ने अनोखे ढंग से विरोध दर्ज कराया। पुलिस ने उनके आंदोलन के पहले ही सैकड़ो शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद शुक्रवार रात हुई बैठक के बाद उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
एक बर्खास्त शिक्षक ने कहा, “हमने सम्मान से नौकरी पाई और सालों तक पढ़ाया, फिर भी हमें बर्खास्त कर दिया गया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार पूछे जाने के बावजूद सरकार ने ‘योग्य’ और ‘अयोग्य’ उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की। सरकार ने पैसे देकर नौकरी पाने वालों को बचाया और हम जैसे सच्चे लोगों को नौकरी से निकाल दिया।”
शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरता की। “हमें घसीटा गया, लातें मारी गईं और वैन में फेंक दिया गया,” उन्होंने कहा कि आंदोलन अब थमने वाला नहीं है, बल्कि और बड़ा होगा।
उधर, डब्ल्यूबीएसएससी ने राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में नई नियुक्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया। लेकिन जिन 25 हजार 753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द हुईं, उनमें से ‘बेगुनाह’ शिक्षकों को लेकर अब भी कोई स्पष्टता नहीं है।
तीन अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि जब तक ‘दोषी’ और ‘निर्दोष’ उम्मीदवारों की लिस्ट अलग-अलग नहीं की जाती, तब तक पूरी पैनल को रद्द माना जाएगा।
हालांकि राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी दोनों ही इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुके हैं। लेकिन जब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आता, तब तक सैकड़ों योग्य शिक्षक बेरोजगार और आक्रोशित हैं।