पश्चिम सिंहभूम, 26 अगस्त। जिला में आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से ‘हो’ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग को लेकर मंगलवार को व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया गया।

यह अभियान कुमारडुंगी प्रखंड के चौक, खंडकोरी और राजाबासा क्षेत्रों में संचालित हुआ।

अभियान का नेतृत्व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता लखन सिंकू ने किया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील किया कि वे 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले हो भाषा सेमिनार और एक नवंबर को जंतर-मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शन में भाग लें और इस ऐतिहासिक आंदोलन को मजबूती दें।

महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने बताया कि ‘हो’ भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के सामाजिक संगठन एकजुट होकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने गांव-गांव से कम से कम दो प्रतिनिधियों को दिल्ली भेजने की अपील करते हुए कहा कि यह आंदोलन सिर्फ भाषायी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अस्तित्व की लड़ाई भी है।

उन्होंने समाज के लोगों से इस आंदोलन में सामाजिक, आर्थिक और मानसिक सहयोग किया कि, ताकि वर्षों पुरानी इस मांग को सफल बनाया जा सके।

इस जनसंपर्क अभियान में महासभा के सदस्य सिकंदर तिरिया, जुरिया बागे, बबलू सिंकू, सावित्री बागे, सोमवारी बागे, सुदाम बागे, मुनिया हेम्ब्रम, राजलक्ष्मी सिंकू, मनोज तियु, संतोष नायके, और प्रवीण बास्के सहित अन्‍य शामिल हुए।