ढाका, 3 अगस्त। बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुक्रवार को एकबार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यह विरोध प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ है। यह विरोध प्रदर्शन देशभर में बड़े पैमाने पर हिंसात्मक घटना बढ़ने और 200 से अधिक लोगों की मौत के बाद थमा था। फिर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन हाल की घटना में मारे गए लोगों के इंसाफ की मांग को लेकर किया जा रहा है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्र हुए, जिनमें से कुछ लोग ‘‘तानाशाह मुर्दाबाद’’ और पीड़ितों के लिए इंसाफ के नारे लगा रहे थे, जबकि पुलिस अधिकारी उनके चारों ओर घेरा बनाकर खड़े थे। ढाका के उत्तरा इलाके में पुलिस और दर्जनों छात्रों के बीच झड़प हुई, जबकि सुरक्षा अधिकारियों ने पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड दागे।
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार पिछले महीने से छात्रों के प्रदर्शनों का सामना कर रही है और फिलहाल इन प्रदर्शनों के मंद पड़ने का कोई संकेत नहीं है।
इससे पहले 15 जुलाई को हिंसा भड़कने के बाद से, शेख हसीना के लिए विरोध-प्रदर्शन बड़ा संकट बन गया है। हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के लिए अधिकारियों ने इंटरनेट बंद कर दिया है और देखते ही गोली मारने का आदेश देते हुए कर्फ्यू लगा दिया है। स्कूल और विश्वविद्यालय बंद हैं।