
पलामू, 20 जुलाई। पलामू के सिविल सर्जन कार्यालय में रविवार को 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की जॉइनिंग को लेकर दस्तावेज सत्यापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। सम्मान फाउंडेशन रांची को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन दस्तावेज सत्यापन को कर्मचारी विरोधी बताते हुए कर्मियों ने 22 जुलाई को रांची में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी अपनी मनमर्जी से वेरिफिकेशन कर रही है। कई दस्तावेज धमकी भरे हैं जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाएगी। पर्व त्यौहार में छुट्टी नहीं लेने, हड़ताल आदि नहीं करने की चेतावनी दी गई है। ऐसे में सभी कर्मियों ने दस्तावेज वेरिफिकेशन कार्य का विरोध किया और आंदोलन करने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि 26 जून 2025 को संस्था एवं कर्मचारी संघ के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें कुल नाै बिंदुओं पर आपसी समझौता हुआ था, परंतु उक्त समझौते के किसी भी बिंदु को संस्था की ओर से लागू नहीं किया गया है।
संस्था की ओर से कर्मचारियों को पीएफ (प्राविडेंट फंड), ईएसआईसी तथा लेबर एक्ट के अंतर्गत औपचारिक रूप से नियुक्ति देने की बात कही गई थी। यह तय हुआ था कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। किंतु इसके विपरीत, संस्था की ओर से कर्मचारियों से लेबर एक्ट के विरुद्ध नियुक्ति पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं, और पीएफ एवं ईएसआईसी से संबंधित कोई भी फॉर्म या प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी एवं अन्य कर्मचारियों की ओर से उपस्थित हो कर इसका विरोध किया गया, तो संस्था के प्रतिनिधियों ने स्थानीय थाना और पुलिस कार्रवाई की धमकी देते हुए उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया। संस्था की ओर से झारखंड सरकार एवं श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की धमकी देते हुए जबरन दस्तावेज सत्यापन के लिए दबाव बनाया गया ।
संघ की ओर से 22 जुलाई को रांची में सम्मान फाउंडेशन कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद 28 जुलाई से पूरे राज्य में संपूर्ण हड़ताल की घोषणा की गई है।
उल्लेखनीय है कि पलामू जिले में 100 से अधिक एम्बुलेंस चालक हैं।
इधर कंपनी के एचआर मैनेजर संजय कुमार ने शाम चार बजे बताया कि फॉर्म भरने के समय जो भी दस्तावेज लगाए गए थे उसका वेरिफिकेशन किया जा रहा है।