नई दिल्ली, 6 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उत्तराखंड में कोई भी मौसम ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए और पर्यटन को यहां हर मौसम में चालू रहना चाहिए। उन्होंने राज्य में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के हर्षिल में ट्रेक और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने माणा गांव में हुई हिमस्खलन की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में देश के लोग प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में विविधता लाना और इसे सालभर चलने वाली गतिविधि बनाना उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई ऑफ-सीजन नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। वर्तमान में पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक स्थिरता बनी रहती है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

मोदी ने कई देशों में शीतकालीन पर्यटन की लोकप्रियता को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड अपने शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उनके अनुभवों से सीख सकता है। उन्होंने उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र के सभी हितधारकों, होटल और रिसॉर्ट मालिकों से इन देशों के मॉडल का अध्ययन करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से ऐसे अध्ययनों से प्राप्त कार्रवाई योग्य बिंदुओं को सक्रिय रूप से लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने स्थानीय परंपराओं, संगीत, नृत्य और व्यंजनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के गर्म झरनों को वेलनेस स्पा में विकसित किया जा सकता है और शांत, बर्फ से ढके क्षेत्रों में शीतकालीन योग रिट्रीट की मेजबानी की जा सकती है। उन्होंने योग गुरुओं से उत्तराखंड में सालाना योग शिविर आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्तराखंड की एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने के लिए सर्दियों के मौसम में विशेष वन्यजीव सफारी के आयोजन का भी सुझाव दिया। उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 360 डिग्री दृष्टिकोण अपनाने और हर स्तर पर काम करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुविधाओं के विकास के साथ-साथ जागरुकता फैलाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है और उन्होंने देश के युवा कंटेंट क्रिएटर्स से उत्तराखंड की शीतकालीन पर्यटन पहल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने में कंटेंट क्रिएटर्स के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए मोदी ने उनसे उत्तराखंड में नए गंतव्यों की खोज करने और अपने अनुभवों को जनता के साथ साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य सरकार को उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कंटेंट क्रिएटर्स द्वारा लघु फिल्में बनाने की प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया।