
काठमांडू, 18 अप्रैल। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विपक्षी दल माओवादी को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि नेपाल के दशकों तक लंबे सशस्त्र संघर्ष के दौरान तत्कालीन विद्रोही समूह माओवादी द्वारा किए गए जघन्य अपराधों को किसी भी बहाने माफ नहीं किया जा सकता है।
नेपाल के पूर्व सैनिकों और पुलिस संगठन के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र संघर्ष के कारण पीड़ित हुए एक-एक नेपाली नागरिक को न्याय दिलाने के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। माओवादी विद्रोहियों द्वारा आम नागरिकों और नेपाल के सुरक्षा बलों के साथ किए गए अमानवीय और जघन्य अपराधों को आम माफी नहीं दी जा सकती है। इसके लिए नेपाल सरकार ने बार बार अंतराष्ट्रीय जगत के सामने प्रतिबद्धता भी व्यक्त की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संक्रमणकालीन न्याय संपादन के लिए गठित सत्य निरूपण आयोग और लापता व्यक्तियों की जांच के लिए आयोग की जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ ही न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि संक्रमणकालीन न्याय आयोगों के पुनर्गठन में और कोई देरी नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि देश ने द्वंद्व काल के पृष्ठ को बदल दिया है और लोकतंत्र को गले लगा लिया है। किसी भी भ्रम या बहाने के तहत हत्या, हिंसा, धार्मिक अतिवाद या अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब हम गठबंधन सरकार में हैं। हमारे पास एकता और राष्ट्र निर्माण की विरासत है और हम एक संप्रभु, एकीकृत नेपाल को नई पीढ़ी को सौंपेंगे। हम राष्ट्रीय गरिमा से समझौता नहीं करेंगे या अपनी सीमाओं को कम करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने नेपाल जैसे विविध देश में सामाजिक सद्भाव के महत्व पर प्रकाश डाला और पूर्व सैन्य और पुलिस कर्मियों से देश के मार्गदर्शक सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव के बिना राष्ट्रीय एकता संभव नहीं है। सरकार इस मिशन का नेतृत्व कर रही है और हमें अपने पूर्व सैनिकों और सुरक्षा समुदाय से अटूट समर्थन की आवश्यकता है।