उदयपुर, 10 नवम्बर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा से सांसद जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस कन्हैया लाल हत्याकांड का जिक्र अपने भाषणों में करते हैं, उसका आरोपित भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है। जयराम रमेश ने भाजपा का दुपट्टा पहने आरोपित का एक फोटो दिखाते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आरोपितों को हत्या के चार घंटे बाद ही राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। प्रधानमंत्री मोदी संसद में भी झूठ बोलते हैं और संसद से बाहर भी।
उन्होंने शुक्रवार को उदयपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बार-बार एक ही झूठ को दोहराते जाते हैं जिससे लोग उसे सच मानने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 18 सालों में कई घोटाले हुए, पर उनमें क्या कार्रवाई हुई उसका मोदी जवाब दें। महिला अत्याचार के मामलों में मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है।
जयराम रमेश ने पिछले दिनों कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य लहरसिंह सिरोया द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार 5 वर्ष चलेगी, भले भाजपा ‘ऑपरेशन कीचड़’ चलाती रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऑपरेशन लोटस गलत नाम रख रखा है। हालात यह है कि भाजपा खुद बीते 6 माह में कर्नाटक में अपना नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पाई है। उल्लेखनीय है कि सिरोया ने पिछले दिनों उदयपुर में यह बयान दिया था कि कर्नाटक में सरकार कुछ समय की मेहमान है।
जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत मिला है तो संगठन और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। हम विधानसभा चुनाव में राज्य की बातें कर रहे हैं, मोदी सरकार की नीतियों पर लोकसभा चुनाव में बात की जाएगी।
जयराम रमेश ने दावा किया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। भाजपा के पास बताने के लिए कोई मुद्दे नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 5 वर्ष के लिए बढ़ाई है जो देश की आर्थिक स्थिति को बयां करती है, देश में जिस तरह महंगाई बढ़ रही है प्रधानमंत्री मन की बात तो कर रहे हैं, लेकिन महंगाई पर कोई टिप्पणी नहीं आ रही है। वह खुद को शाबाशी दे रहे हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस चुनाव बॉन्ड के खिलाफ है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाया गया चुनावी बॉन्ड बंद होना चाहिए। इसका आरबीआई ने भी विरोध किया था।