नई दिल्ली, 21 जुलाई । संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए इसे राष्ट्र के लिए एक गौरवपूर्ण विजयोत्सव बताया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे भले ही राजनीतिक दृष्टिकोण में भिन्न हों, लेकिन देशहित में एकजुट होकर काम करें। उन्होंने कहा कि संसद से एक सकारात्मक संदेश जाना चाहिए जो जनभावनाओं को प्रतिबिंबित करे और राष्ट्र को आगे ले जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश की हालिया सैन्य, अंतरिक्ष और आर्थिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब दुनिया के सामने एक नई शक्ति के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत का तिरंगा जब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लहराया, तो हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उन्होंने कहा कि यह समय है इन उपलब्धियों का गुणगान करने का, ताकि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिल सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सेनाओं ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक विजय हासिल की है। इस अभियान ने न सिर्फ आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, बल्कि भारत के स्वदेशी सैन्य उपकरणों की ताकत भी दुनिया को दिखा दी। उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया रक्षा उत्पादों से अब वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल की घटनाओं के संदर्भ में कहा कि सुरक्षा बलों की सजगता और सरकार की नीति के चलते वहां शांति बहाल हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तेजी से बदलाव हो रहा है और कई जिले अब उग्रवाद के चंगुल से मुक्त हो चुके हैं। संविधान की जीत हो रही है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंचों पर भारत की मजबूती से हुई प्रस्तुति की सराहना की। विशेष रूप से उन भारतीय प्रतिनिधिमंडलों की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने हाल के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में पाकिस्तान को बेनकाब किया। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति आज दृढ़ता और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ रही है।

उन्होंने आर्थिक प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि भारत अब विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर मात्र दो प्रतिशत तक सिमट चुकी है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। उन्होंने यूपीआई को भारत की फिनटेक क्रांति का प्रतीक बताते हुए कहा कि भारत अब विश्व में सबसे अधिक फिनटेक नवाचार करने वाला देश बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 90 करोड़ भारतीय सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ चुके हैं और भारत को ट्रेकोमा जैसी बीमारी से मुक्त घोषित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने संसद के इस मानसून सत्र को एक नई प्रेरणा का स्रोत बताते हुए आशा जताई कि यह सत्र विजय, विकास और विश्वास के भाव से ओतप्रोत रहेगा। यह सत्र न सिर्फ देश की सुरक्षा और समृद्धि को बल देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगा।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दलहित में भले मत न मिले, लेकिन देशहित में मन जरूर मिले।” उन्होंने संसद के सभी सदस्यों से अपील की कि वे इस सत्र को राष्ट्रहित में एकता और सकारात्मकता के साथ सफल बनाएं।