काठमांडू , 22 मार्च। प्रचण्ड सरकार नेपाल में मीडिया पर अंकुश लगाने के अपने निर्देश पर दो घंटे भी नहीं टिक पाई। गृह मंत्रालय ने गुरुवार दोपहर देश के सभी 77 जिलों के जिलाधिकारी को मीडिया, पत्रकारों और सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी के लिए एक अलग डेस्क स्थापित करने का 15 पन्नों का निर्देश जारी किया था।

इसमें कहा गया था कि किसी भी अखबार, रेडियो, टीवी चैनल, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर यदि नियम विरुद्ध कुछ भी प्रकाशित या प्रसारित होता है कि तत्काल गिरफ्तारी कर मुकदमा चलाया जाए।गृह मंत्रालय के इस निर्देश की कॉपी मीडिया में लीक होते ही आलोचना शुरू हो गई।

मीडिया ने प्रधानमंत्री प्रचण्ड और गृहमंत्री रवि लामिछाने की जमकर आलोचना की। नेपाल पत्रकार महासंघ सहित अनेक संस्थाओं ने इस कदम का विरोध किया गया। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया। देशव्यापी विरोध होने के बाद गृह मंत्रालय ने अपने निर्दे को वापस ले लिया।