हुगली,  8 जून । लोकसभा चुनाव हारने के बाद लॉकेट चटर्जी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। हुगली जिला पुलिस (ग्रामीण) के अंतर्गत पोलाबा थाने की पुलिस ने हुगली के पूर्व सांसद को पुलिस की नाका की चेकिंग में बाधा डालने के आरोप में नोटिस भेजा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस महीने की एक तारीख को हुगली जिला पुलिस(ग्रामीण) की और से लॉकेट चटर्जी को कानूनी नोटिस भेजा गया था। उन्हें एक सप्ताह के भीतर पोलबा थाने में उपस्थित होने और कारण बताने के लिए कहा गया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद भी लॉकेट पोलबा थाने नहीं पहुंचीं। इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने के लिए भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी को संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

हुगली ग्रामीण पुलिस के सूत्रों के अनुसार, गत चार मई की दोपहर पोलबा कोरला चौराहे पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस की एक टीम नाका प्वाइंट पर चेकिंग कर रही थी। उस वक्त पुलिस ने एक चार पहिया वाहन को जब्त किया था। गाड़ी में ड्राइवर समेत तीन लोग सवार थे। उन्होंने कार की तलाशी ली और सैकड़ों पैकेट विदेशी शराब जब्त कर ली। गिरफ्तार लोगों ने पुलिस के समक्ष यह भी स्वीकार किया कि वे बिहार में एक रिश्तेदार के विवाह घर में शराब ले जा रहे थे। पुलिस ने अवैध शराब जब्त कर एक गाड़ी में रख ली।

तभी बालागढ़ जाते समय तत्कालीन निवर्तमान भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी कोरला मोड़ पर भीड़ देखकर रुक गईं। लॉकेट ने पुलिस के सामने कार में रखा बैग खोला। लॉकेट ने ड्राइवर को धमकाया और जानना चाहा कि अवैध शराब कहां ले जाई जा रही थी। ड्राइवर ने लॉकेट को पुलिस को दी गई जानकारी बताई। लॉकेट संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद लॉकेट ने आरोप लगाया कि पुलिस नाका चेकिंग नहीं कर रही है, बल्कि तृणमूल के सहयोग से शराब की तस्करी अन्यत्र की जा रही थी।

लॉकेट ने आरोप लगाया था कि यह शराब बांटकर तृणमूल वोट हासिल  करेगी। इतना ही नहीं उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर इस बात को लिखा था। इसके बाद एक वीडियो संदेश में धनियाखाली की तृणमूल विधायक असीमा पात्रा लॉकेट के दावे का खंडन किया था।