
कोलकाता, 14 मई । कोलकाता पुलिस के सुरक्षा नियंत्रण संगठन (सिक्योरिटी कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन) ने उन विदेशी नागरिकों की पहचान और तलाश का अभियान तेज कर दिया है, जो वैध वीजा पर भारत आए थे लेकिन वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी देश नहीं छोड़ा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आशंका है कि ऐसे कई विदेशी नागरिक फर्जी तरीके से भारतीय पहचान दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) और यहां तक कि भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर चुके हैं। वे अब भारतीय नागरिक के रूप में कोलकाता में स्थायी रूप से रह रहे हैं।
इस अभियान के तहत बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए विदेशी नागरिकों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। पिछले डेढ़ महीने के दौरान कम से कम छह लोगों की पहचान की गई है जो इन दोनों देशों से आए थे और अब फर्जी दस्तावेजों के सहारे कोलकाता में रह रहे हैं।
इनमें सबसे गंभीर मामला अज़ाद मल्लिक का है, जो मूल रूप से पाकिस्तानी नागरिक है। उसे पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता से गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि उसने पहले फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकता हासिल की, फिर कोलकाता आकर भारतीय पहचान दस्तावेज बनवाए। अज़ाद हवाला कारोबार, फर्जी भारतीय पासपोर्ट और विदेशी नागरिकों के लिए फर्जी वीजा बनाने के अंतरराष्ट्रीय रैकेट को भी संचालित कर रहा था।
इसी महीने पुलिस ने एक ही परिवार के चार सदस्यों की पहचान की, जिनके पास भारतीय और बांग्लादेशी दोनों देशों के पासपोर्ट हैं। इनकी पहचान विजय मोदी, उनकी पत्नी कौशल्या मोदी और उनके दो बेटे दिलीप मोदी व आशीष मोदी के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये सभी वैध वीजा पर भारत आए थे और कोलकाता के साउथ एरिया के पाम एवेन्यू में रह रहे थे। बाद में इन्होंने आधार और ईपीआईसी कार्ड के जरिए फर्जी तरीके से भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया।
वहीं, इसी महीने टंगरा इलाके से शेख रमज़ान नामक एक बांग्लादेशी नागरिक की भी पहचान की गई है, जो किराये के मकान में रह रहा था। वह भी वैध वीजा पर भारत आया था और बाद में फर्जी पहचान दस्तावेज तैयार कर भारतीय नागरिक बनकर कोलकाता में बस गया।
पुलिस अब ऐसे सभी मामलों की गहन जांच कर रही है और इस बात की पड़ताल कर रही है कि किन माध्यमों से ये लोग फर्जी दस्तावेज हासिल कर पाए और क्या इसमें किसी स्थानीय गिरोह की भूमिका है।