कोलकाता, 06 अगस्त। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की पहली बरसी पर पश्चिम बंगाल एक बार फिर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का गवाह बनने जा रहा है। आगामी आठ अगस्त से 15 अगस्त तक राज्यभर में विभिन्न संगठनों और समूहों द्वारा आंदोलन की श्रृंखला चलाई जाएगी।

नौ अगस्त 2024 की सुबह हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल से डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। इस मामले में एकमात्र दोषी सिविक वॉलिंटियर संजय राय को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुना दी, लेकिन एक वर्ष बाद भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो कथित ‘बड़े षड्यंत्र’ की जांच पूरी नहीं कर सका है। पिछले वर्ष का आंदोलन मुख्यतः राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ था, जबकि इस बार सीबीआई की कथित सुस्त जांच पर भी सवाल उठाए जाएंगे।

पीड़िता के माता-पिता ने नौ अगस्त को ‘नवान्न अभियान’ (राज्य सचिवालय तक मार्च) का आह्वान किया है और सभी राजनीतिक दलों से इसमें शामिल होने की अपील की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, जिन्होंने सबसे पहले पीड़िता के माता-पिता को आंदोलन में जोड़ने की पहल की थी, ने इस मार्च को पूरा समर्थन दिया है। बुधवार को अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पूरी पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल इस मार्च को रोकने में कर रही है और इस उद्देश्य से शाम को शीर्ष आईपीएस अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि मुख्यमंत्री शहर छोड़ झाड़ग्राम भाग गई हैं, जबकि सचिवालय की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

आठ अगस्त की रात नौ बजे पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम कॉलेज स्क्वायर से श्यामबाजार तक मशाल जुलूस निकालेगा, जिसके बाद आधी रात से सुबह चार बजे तक श्यामबाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग पर धरना होगा। नौ अगस्त की सुबह संयुक्त डॉक्टर मंच और ‘अभया मंच’ राखी बांधकर सुरक्षा और सम्मान का संदेश देंगे। उसी दिन शाम चार बजे डॉक्टर हाजरा क्रॉसिंग से कालीघाट तक मार्च करेंगे, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के निकट है। शाम छह बजे आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एकत्रीकरण होगा।

14 अगस्त को डॉक्टरों और आम लोगों की ओर से रैलियां और जनसभाएं होंगी। उसी रात ‘रिक्लेम द नाइट’ कार्यक्रम के तहत महिलाएं और आम लोग सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करेंगे। आयोजकों का कहना है कि आर.जी. कर की घटना के बाद भी दक्षिण कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में बलात्कार हुआ, जो दर्शाता है कि राज्य सरकार अस्पतालों और कॉलेजों में बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है, और इसलिए एक बार फिर सड़क पर उतरना जरूरी है।