कोलकाता, 18 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले की झालदा नगर पालिका की कांग्रेस पार्षद पूर्णिमा कुंडू की मौत का कारण जहर हो सकता है। शुक्रवार को प्राप्त प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके पेट में जहरीले पदार्थ पाए गए हैं, जो उनकी मौत का संभावित कारण हो सकते हैं। 11 अक्टूबर की रात, उनका शव रहस्यमय परिस्थितियों में उनके आवास से बरामद किया गया था। उन्हें तुरंत झालदा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके पेट में जहर की मौजूदगी पाई गई है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने आत्महत्या की थी या किसी ने उनके खाने में जहर मिलाकर उनकी हत्या की गई।
पूर्णिमा कुंडू, कांग्रेस के पूर्व पार्षद स्वर्गीय तपन कुंडू की विधवा थीं, जिनकी मार्च 2022 में अज्ञात हमलावरों ने सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके पति की हत्या के बाद पूर्णिमा कुंडू ने उसी वार्ड से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, परिवार के सदस्यों, विशेषकर तपन के भतीजे मिथुन कुंडू ने आशंका जताई कि उन्हें जहर देकर मारा गया हो सकता है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नेपाल महतो ने भी इस बात पर संदेह जताया और कहा कि पूर्णिमा कुंडू की मृत्यु अस्वाभाविक लगती है क्योंकि हाल के दिनों में वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं थीं।
पुरुलिया जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृत पार्षद के परिवार द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर इस मामले की विस्तृत जांच शुरू की जाएगी।
तपन कुंडू की हत्या की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। शुरुआत में पुरुलिया पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। एसआईटी और सीबीआई ने इस मामले में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें तपन कुंडू के भतीजे दीपक कुंडू को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में पूर्णिमा कुंडू की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत ने राज्य की राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।