
पलामू, 27 जुलाई । पंजाब के अफीम तस्करों से साठ गांठ रखना पिपराटांड़ थाना प्रभारी राजवर्धन को काफी महंगा पड़ गया। जिले की एसपी रीष्मा रमेशन ने थाना प्रभारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए शनिवार रात तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
मेदिनीनगर शहर थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को पिपराटांड़ का नया थाना प्रभारी बनाया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच करने का निर्देश लेस्लीगंज के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को दिया है। एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के बाद बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि पलामू पुलिस ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए आठ अंतरराज्यीय अफीम तस्करों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार तस्करों में चार पंजाब के रहने वाले हैं, जबकि चार पलामू के पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के निवासी हैं। इनमें एक स्थानीय चौकीदार का बेटा भी शामिल है। गिरफ्तार तस्करों के पास से पुलिस ने 32 लाख 90 हजार 400 रुपए, तीन किविंटल 14 किलो अफीम डोडा, चार वाहन बरामद किया था।
एसपी के अनुसार अफीम तस्करों को पिपराटांड़ थाना से मदद मिली थी और उनकी जानकारी में तस्करी की जा रही थी। इसी आरोप में थाना प्रभारी को निलंबित किया गया। एसपी ने रविवार को कहा कि मामले में आगे की छानबीन की जा रही है।
पंजाब से आये फोन ने खोला था तस्करी का राज
अफीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पलामू पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली थी। पंजाब के रहने वाले अफीम तस्कर हरमीत सिंह और सतबीर सिंह की डॉक्टर बहन ने पलामू एसपी को सूचना दी थी कि झारखंड घूमने गए उनके भाई का अपहरण हुआ है। फिरौती की रकम अब तक 7.50 लाख रुपये दी जा चुकी है। एसपी की स्पेशल टीम ने कार्रवाई करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया था।
पंजाब के रहने वाले चार तस्कर झारखंड घूमने के बहाने अफीम खरीदने पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के तितलंगी गांव पहुंचे थे, लेकिन उन्हें डब्लू यादव के बेटों के द्वारा फिरौती के लिए बंधक बना लिया गया था। अपहरण की जानकारी देकर छोड़ने के एवज में 10 लाख मांगी की गई थी। इसकी जानकारी थाना को भी थी। इस कहानी में थाना प्रभारी की भी भूमिका निकल के सामने आई, जिसके बाद कार्रवाई की गई है।