सिलीगुड़ी, 27 अक्टूबर । उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एनबीएमसीएच) के मुर्दाघर में लावारिस शवों की तादाद बढ़ती जा रही है। इतने शवों की भीड़ को संभालना अधिकारियों के लिए मुश्किल स्थिति में है।
सूत्रों के अनुसार, प्रशासन को बार-बार सूचित करने के बावजूद भी काम नहीं हो रहा है। शव को सुरक्षित रखने के लिए कूलिंग चैंबर को नियमित रूप से चालू रखना पड़ता है। नतीजतन, बिजली की खपत भी बेतहाशा बढ़ रही है। वर्तमान में एनबीएमसीएच के मुर्दाघर में 25-30 लावारिस शव हैं। लेकिन केवल 16 कूलिंग चैंबर ही चालू हैं। जबकि 25 और कूलिंग चैंबर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
इस बारे में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. राजीव प्रसाद ने बताया कि सरकारी नियमों के मुताबिक शव को सात दिनों तक रखा जाता है। फिर प्रशासन को सूचना दी जाती है। प्रशासन उन सभी शवों को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में का दाह संस्कार करता है। हालांकि किसी कारण से यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। पिछले अगस्त महीने से मुर्दाघर में शव पड़े हैं।