
कोलकाता, 02 सितंबर ।पूर्वांचल जनकल्याण समिति की सामाजिक पहल के तहत कोलकाता के लेक गार्डन्स स्थित गोविन्दपुर सेवा बस्ती के पास आधुनिक फिजियोथेरेपी सेंटर का शुभारम्भ किया गया। यह केन्द्र गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मात्र सौ रुपये में योग्य फिजियोथेरेपिस्ट और अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से उपचार प्रदान करेगा। साथ ही, यहां मरीजों को कोलकाता के प्रसिद्ध डॉक्टरों से बेहद कम खर्च पर परामर्श लेने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। समिति ने आगे चलकर जरूरतमंदों के लिए व्हीलचेयर, अस्पताल बेड, वॉकर और ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सामग्री भी मामूली किराये पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
उद्घाटन अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष ललित तोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज की जीवनशैली, खानपान और प्रदूषित वातावरण के कारण हर वर्ग के लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। रोग का इलाज संभव होता है, लेकिन मरीज को सामान्य स्थिति में लौटाने के लिए फिजियोथेरेपी आवश्यक है, जो आम तौर पर गरीबों की पहुंच से बाहर रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि फिजियोथेरेपी की उपेक्षा के लिए सरकारी नीतियां जिम्मेदार हैं, क्योंकि बजट में इसके लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं होता और बीमा योजनाओं में भी आउट-पेशेंट फिजियोथेरेपी का प्रावधान बहुत सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति तो और भी दयनीय है।
तोदी ने बताया कि भारत में अनुमानतः 2.6 करोड़ लोग किसी न किसी शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं, जिन्हें फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य ढांचे की उपेक्षा से देश की जीडीपी को लगभग सात प्रतिशत का नुकसान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार हर 10 हजार की आबादी पर कम से कम एक फिजियोथेरेपिस्ट होना चाहिए, जबकि भारत में औसतन 1.6 फिजियोथेरेपिस्ट प्रति एक लाख की आबादी पर उपलब्ध हैं। विकसित देशों में यह संख्या 10 हजार की आबादी पर पांच से दस तक होती है।
उन्होंने समाज से आह्वान किया कि सरकार, निजी क्षेत्र और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, तभी भारत आत्मनिर्भर और सक्षम होकर एक सशक्त राष्ट्र बन सकेगा। पूर्वांचल जनकल्याण समिति का यह स्वास्थ्य केंद्र इसी उद्देश्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।