नई दिल्ली, 12 अगस्त । घरेलू शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। निवेशकों की संख्या में तेजी आने के कारण जुलाई महीने में देश में डिमैट अकाउंट्स की संख्या 20 करोड़ के स्तर को भी पार कर गई है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार जुलाई महीने में 29.80 लाख नए डिमैट अकाउंट खोले गए। इसके कारण डिमैट अकाउंट्स की कुल संख्या बढ़कर 20.21 करोड़ के स्तर पर आ गयी है।

शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या का अनुमान डिमैट अकाउंट्स की संख्या के आधार पर लगाया जाता है। डिमैट अकाउंट के जरिए ही कोई निवेशक शेयर बाजार में खरीद-बिक्री कर सकता है या अपने खरीदे हुए शेयरों को सुरक्षित रख सकता है। इसलिए शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की संख्या जितनी बढ़ेगी, उतना ही डिमैट अकाउंट्स की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। जुलाई में 29.80 लाख नए डिमैट अकाउंट खुलने की बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जुलाई महीने में शेयर बाजार में लगातार उठा पटक होता रहा। इसमें ज्यादातर समय बिकवाली का दबाव बना रहा। जुलाई के पहले जून महीने में सिर्फ 2.52 लाख नए डिमैट अकाउंट खोले गए थे।

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्राइमरी मार्केट में बड़ी हलचल की वजह से डिमैट अकाउंट के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। शेयर बाजार में निवेश प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों मार्केट के जरिए होता है। फिलहाल पहले से लिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री करने वाले सेकेंडरी मार्केट को छोटे निवेशक ओवर वैल्यूड मान रहे हैं। ऐसे निवेशक आईपीओ में निवेश करके प्राइमरी मार्केट के जरिये शेयर बाजार में अपना पैसा लगा रहे हैं।

खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना का कहना है कि प्राइमरी मार्केट में जुलाई महीने में हलचल काफी तेज हुई। इसकी वजह से बड़ी संख्या में नए ने लोगों ने डिमैट अकाउंट खुलवाकर शेयर बाजार में निवेश करने का रास्ता अपनाया शेयर बाजार में एक्टिव होने के लिए ऐसे निवेश को ने प्रायमरी मार्केट में आईपीओ के जरिए अपनी एंट्री की। खुराना का मानना है कि फिलहाल ज्यादातर आईपीओ अच्छे वैल्यूएशन के साथ लॉन्च किया जा रहे हैं। इससे नए निवेशकों को सेकेंडरी मार्केट की तुलना में प्राइमरी मार्केट ज्यादा पसंद आ रहा है। इसी वजह से जुलाई महीने में डिमैट अकाउंट्स की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।