
झारखंड की सांस्कृतिक पहचान है छऊ नृत्य, अपनी विशिष्ट नृत्य शैली के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है : विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई
पश्चिम सिंहभूम, 28 जून । जिले के चक्रधरपुर अनुमंडल अंतर्गत ओटार पंचायत के बोंगाजांगा गांव में रथयात्रा के अवसर पर दो दिवसीय भव्य छऊ नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शनिवार को समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई तथा विशिष्ट अतिथि प्रमुख पीटर घनश्याम तियु उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत छऊ कलाकारों द्वारा गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद मां दुर्गा की महिषासुर मर्दिनी रूप, भगवान शिव की महिमा, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, महिषासुर वध, लव-कुश प्रसंग, कृषि कार्य तथा लोक कथाओं पर आधारित एक से बढ़कर एक छऊ नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं।
इस अवसर पर मिथुन गागराई ने कहा कि छऊ नृत्य झारखंड की सांस्कृतिक पहचान है, जो पौराणिक कथाओं पर आधारित अपनी विशिष्ट नृत्य शैली के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी पर आधारित छऊ नृत्य बेहद लोकप्रिय है और कलाकारों ने इस गौरवशाली परंपरा को जीवित रखा है। विधायक सुखराम उरांव के प्रयास से छऊ कलाकारों को निरंतर मदद दी जा रही है, ताकि यह संस्कृति बनी रहे।
विशिष्ट अतिथि पीटर घनश्याम तियु ने कहा कि बंदगांव प्रखंड में छऊ नृत्य के एक से एक बेहतरीन कलाकार हैं और सभी कलाकारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में बोंगाजांगा गांव के ऊपर टोला और नीचे टोला के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसे देख दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। समापन पर मुख्य और विशिष्ट अतिथियों का आदिवासी रीति-रिवाज से स्वागत एवं सम्मान किया गया।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई ने आयोजन समिति और कलाकारों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया। कार्यक्रम में बुधराम सामड, राजेश नायक समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे और दो दिनों तक गांव में उत्सव जैसा माहौल बना रहा।