
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । सांसद डॉ. संजय जायसवाल की अध्यक्षता वाली पार्लियामेंट्री एस्टीमेट्स कमेटी (पीईसी) ने दिल्ली के नजफगढ़ के इस्सापुर में सनमास्टर एग्रीवोल्टाइक्स प्लांट का दौरा किया। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा आयोजित इस दौरे में दो प्रमुख योजनाओं पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस दौरे में संसद सदस्यों और अधिकारियों को एग्रीवोल्टाइक्स तकनीक का जमीनी परिप्रेक्ष्य प्रदान किया गया, जो सौर ऊर्जा उत्पादन और कृषि खेती दोनों के लिए भूमि के दोहरे उपयोग की अनुमति देता है। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एमएनआरई के अतिरिक्त सचिव सुदीप जैन ने किया, जिन्होंने कृषि के लिए स्वच्छ, टिकाऊ ऊर्जा को बढ़ावा देने में पीएम-कुसुम के उद्देश्यों और प्रभाव पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे यह योजना खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित करते हुए ऊर्जा पहुंच को बढ़ाकर किसानों को सशक्त बनाती है।
इस सत्र में ग्राउंड-माउंटेड सोलर सिस्टम और स्टिल्ट-आधारित एग्रीवोल्टाइक्स मॉडल के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया गया, जिसमें लागत-प्रभावशीलता और भूमि-उपयोग दक्षता के संदर्भ में प्रमुख लाभों पर प्रकाश डाला गया- जो पीएम-कुसुम विजन के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। प्लांट का दौरा करने के समय समिति के सदस्यों ने स्थानीय किसानों के साथ बातचीत भी की, जिससे उन्हें ग्रामीण आजीविका में सौर ऊर्जा की परिवर्तनकारी भूमिका के बारे में सीधी जानकारी मिली।
पर्यावरण प्रतिबद्धता के तहत डॉ. संजय जायसवाल और समिति के सदस्यों ने “एक पेड़ मां के नाम” पहल के तहत पौधरोपण अभियान में भाग लिया। सदस्यों ने किसानों के साथ ट्रैक्टर की सवारी भी की, जिससे उनकी जमीनी स्तर पर भागीदारी और कृषि क्षेत्र की वास्तविकताओं को समझने की प्रतिबद्धता को बल मिला।
डॉ. जायसवाल ने एमएनआरई और हितधारकों की उनके समन्वित प्रयासों और ऊर्जा और कृषि को समन्वित करने के लिए एग्रीवोल्टाइक्स की क्षमता की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण भारत में किसानों के लिए इसके मापनीयता और अधिकतम लाभ का पता लगाने के लिए आगे के अध्ययनों की सिफारिश की।