
कोलकाता, 21 मार्च । लंबी जटिलताओं के बाद आखिरकार पानिहाटी नगर पालिका को नया प्रधान मिल गया है।मल्लय राय की जगह अब पार्थ भौमिक के करीबी सोमनाथ दे को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पदभार संभालते ही सोमनाथ ने साफ कर दिया कि वह सरकार और पार्टी के निर्देशों के अनुसार ही काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जता दिया कि वह विपक्ष की आलोचनाओं की कोई परवाह नहीं करते।
पानिहाटी नगर पालिका के पूर्व प्रमुख मल्लय राय को अमरावती मैदान विवाद के चलते अपना पद गंवाना पड़ा। इस विवाद में उन पर मैदान को बेचने की साजिश का आरोप लगा था। इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी विरोध बढ़ने लगा था। जब मामला गंभीर हुआ, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इसमें हस्तक्षेप किया। इसके बाद मंत्री फिरहाद हकीम ने मल्लय राय को इस्तीफा देने का निर्देश दिया।
सोमवार को बोर्ड बैठक के दौरान सभी पार्षदों की सहमति से मल्लय राय ने पद छोड़ दिया। इसके बाद शुक्रवार, 21 मार्च को पानिहाटी नगर पालिका के उपाध्यक्ष सुभाष चक्रवर्ती ने एक और बोर्ड बैठक बुलाई। इस बैठक में मल्लय राय को छोड़कर सभी पार्षद मौजूद थे और सर्वसम्मति से सोमनाथ दे को नया प्रधान चुना गया।
पद संभालने के बाद सोमनाथ दे ने कहा, “मैं पूरी तरह से पार्टी के निर्देशों के तहत काम करूंगा। विपक्ष क्या कहता है, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। मेरा काम जनता के लिए बेहतर सेवाएं देना है।” उन्होंने अमरावती मैदान विवाद पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि “राज्य सरकार जो चाहेगी, वही होगा।”
अमरावती मैदान को सोदपुर का ‘फेफड़ा’ माना जाता है, क्योंकि यह इलाका खुली जगह और हरियाली के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल ही में इस मैदान पर आवासीय परियोजना बनाने की योजना की खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इसी मुद्दे को लेकर मल्लय राय पर गंभीर आरोप लगे और अंततः उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
अब देखना होगा कि सोमनाथ दे इस मामले को कैसे संभालते हैं और पानिहाटी नगर पालिका में प्रशासन को कितना प्रभावी बना पाते हैं।