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वाशिंगटन, 02 मई। अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक भवनों में फिलिस्तीन समर्थकों ने कब्जा कर लिया है। हालात को काबू करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी है। पुलिस ने हिंसा से निपटने के लिए सैकड़ों फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में हालात की भयावहता पर विस्तार से चर्चा की है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी शैक्षणिक परिसरों में बढ़ती हिंसा से निपटने के लिए पुलिस बुलाई गई है। लगभग सारे अमेरिका में यही हालात है। फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने डेरा डाल दिया है। कई शैक्षणिक भवनों को अपने कब्जे में ले लिया है। वह यहां से हटने के लिए तैयार नहीं हैं। इन परिसरों में पुलिस दाखिल हो चुकी है। लॉस एंजिल्स का कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय हिंसक झड़पों का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 200 प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उस भवन को निशाना बनाया जहां फिलिस्तीनी समर्थक जमे हुए हैं। इस समूह ने भवन को गिराने का प्रयास किया। यहां कई घंटे तक दोनों पक्षों में भीषण टकराव हुआ। दोनों पक्ष भिड़ गिए और एक-दूसरे पर रसायनों का छिड़काव किया।
इस हालात पर मेयर एरिक एडम्स ने कहा कि न्यूयॉर्क में लगभग 300 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें कोलंबिया के छात्र भी शामिल हैं। कोलंबिया स्कूल के अध्यक्ष ने पुलिस से स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी होने तक परिसर में रहने का आग्रह किया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग दो सप्ताह में अमेरिकी परिसरों में 1,600 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।