इस्लामाबाद, 08 अक्टूबर। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सक्रिय पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के अध्यक्ष महमूद खान अचकजई ने कानूनी उलझनों में फंसे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हिफाजत करने का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है कि सेंट्रल जेल रावलपिंडी में कैद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक (पीटीआई) इमरान खान गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

डॉन अखबार के अनुसार, पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के अध्यक्ष अचकजई ने सोमवार को घोषणा की कि जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ हुए दुखद दुर्व्यवहार को इमरान खान के साथ दोहराया नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने सरकार को यह चेतावनी लोकतंत्र के शहीदों के सम्मान में किला सैफुल्लाह में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में दी। अचकजई ने कहा कि अगर राजनीति में सेना का कथित हस्तक्षेप जारी रहा, तो पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता का सामना करता रहेगा और इसका भविष्य अनिश्चितता से भरा रहेगा।

उन्होंने संशोधन के नाम पर संविधान को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने की शपथ ली। अचकजई ने सात अक्टूबर, 1983 की घटनाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने क्वेटा में जुलूस निकाला था। इस दौरान तत्कालीन तानाशाह जनरल जिया से संविधान और लोकतंत्र को बहाल करने का आह्वान किया गया था। इस दौरान मार्शल लॉ अधिकारियों की प्रतिक्रिया क्रूर रही। जुलूस पर की गई गोलीबारी में पार्टी के चार कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हो गए। सैकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हिरासत में लिया गया।

पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के नेता अचकजई ने कहा कि इमरान खान का जीवन में संकट में है। डर है जेल में बंद इमरान खान के साथ वही व्यवहार किया जा सकता है जो भुट्टो के साथ किया गया था। मुल्क की हुकूमत इमरान खान की रिहाई की मांग करने पर पीटीआई कार्यकर्ताओं पर जुल्म ढा रही है। उन्होंने मांग की है कि खान और अन्य राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो देश को नागरिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। अचकजई ने पश्तून तहफुज आंदोलन पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी सरकार की आलोचना की।