
पूर्वी सिंहभूम, 3 जुलाई । जिले से सटे पश्चिम बंगाल की सीमा और पहाड़ों की गोद में बसे चाकुलिया प्रखंड के चालुनिया पंचायत अंतर्गत दुबराजपुर गांव में कान्हाईश्वर पहाड़ पूजा के बाद धान की रोपनी का कार्य तेजी से शुरू हो गया है।
यह पूजा हर वर्ष कृषि समृद्धि और अच्छी वर्षा की कामना के साथ की जाती है। गुरुवार को गांव के बड़ाघाट टोला में रिमझिम बारिश के बीच महिलाएं कीचड़ भरे खेतों में धान की रोपनी करती नजर आईं। यह क्षेत्र धान की खेती के लिए प्रसिद्ध है और इसे धान का कटोरा कहा जाता है। यहां हर साल भरपूर पैदावार होती है, जिसके कारण इस इलाके में कई राइस मिल स्थापित हैं।
इलाके के खेतों में पहाड़ों और जंगलों से बहकर आने वाले पानी के चलते पर्याप्त जलभराव हो चुका है। इससे रोपनी कार्य सुगमता से हो रहा है। किसानों ने समय रहते बीज की बुवाई कर दी थी, जिसके कारण बिचड़े पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। स्थानीय किसान बसंती हांसदा, जामूदा हो और प्रकाश गोप ने बताया कि यहां के किसान वर्षा पर निर्भर होने के साथ-साथ पहाड़ी जलस्रोतों का भी उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि हर साल बारिश के साथ सबसे पहले रोपनी का कार्य इसी क्षेत्र में शुरू होता है।
गांव की महिलाएं मेहनत और लगन की मिसाल बन रही हैं। वे न सिर्फ खेती में बराबर की भागीदारी निभा रही हैं बल्कि पूरे परिवार की आजीविका की रीढ़ भी हैं। दुबराजपुर गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि पहाड़ों से उतरता पानी स्वतः खेतों तक पहुंच जाता है। इससे सिंचाई की समस्या नही पैदा होती है। यही वजह है कि यहां धान की खेती अन्य क्षेत्रों की तुलना में समय से पहले शुरू हो जाती है।