कोलकाता, 18 जुलाई  । कलकत्ता हाई कोर्ट ने नंदीग्राम भूमि आंदोलन के दौरान लापता हुए तीन व्यक्तियों के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति शम्पा सरकार ने गुरुवार को राज्य प्रशासन को यह निर्देश दिया।

2007 के नवंबर महीने में पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम में भूमि आंदोलन के दौरान, सीपीएम नेता और कार्यकर्ताओं पर आंदोलनकारियों पर हमला करने का आरोप लगा था। उस समय, आदित्य बेहरा, सत्येन गोले और बलराम सिंह नाम के तीन लोग लापता हो गए थे। ये तीनों ही भूमि उच्छेदन प्रतिरोध समिति के सदस्य थे। यह समिति जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई थी। उस समय, लापता व्यक्तियों के परिवारों ने दावा किया था कि उन्हें मार दिया गया है।

जिला परिषद द्वारा जारी मृतकों की सूची में इन तीनों का नाम था। लेकिन उनके परिवारों ने जब राज्य प्रशासन से मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा, तो उन्हें नहीं मिला। इसके बाद, वे हाई कोर्ट पहुंचे। गुरुवार को हाई कोर्ट ने राज्य प्रशासन को एक महीने के भीतर स्थानीय पंचायत कार्यालय से तीनों के परिवारों को मृत्यु प्रमाणपत्र देने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद, विपक्ष के नेता और नंदीग्राम के बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट किया। उस समय नंदीग्राम भूमि आंदोलन के प्रमुख नेता शुभेंदु तृणमूल कांग्रेस में थे। एक्स पर शुभेंदु ने इस आदेश के लिए हाई कोर्ट का आभार व्यक्त किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए लिखा, “ममता बनर्जी नंदीग्राम आंदोलन के चलते सत्ता में आईं, लेकिन जिन्होंने वास्तव में उस आंदोलन में संघर्ष किया, उन्हें हमेशा नजरअंदाज किया गया। ममता बनर्जी का प्रशासन उनके मृत्यु प्रमाणपत्र की अपील को ठुकराता रहा।”