काठमांडू, 17 जनवरी । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्ता से हटने के लिए विपक्षी दलों ने नया गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन ने ओली को इतिहास का सर्वाधिक असफल प्रधानमंत्री करार देते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्षी मोर्चा के गठबंधन ने ओली सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए इतिहास का सबसे असफल प्रधानमंत्री बताया है।

विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक में पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले प्रमुख प्रतिपक्षी दल माओवादी, रवि लामिछाने के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, राजेंद्र लिंगडेन के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, माधव कुमार के नेतृत्व वाली एकीकृत समाजवादी पार्टी, उपेन्द्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी सहित तीन अन्य छोटी पार्टियां शामिल रहीं। बैठक के बाद पत्रकार सम्मेलन करते हुए प्रचंड ने कहा कि ओली सरकार हर मुद्दे और हर मोर्चे पर विफल रही है। उन्होंने कहा कि जबसे केपी ओली ने सत्ता संभाली है तब से देश आर्थिक मुद्दे से लेकर विदेश नीति के मामले में असफल रहा है। उन्होंने ओली पर नेपाल की संतुलित विदेश नीति को खत्म करने और अति निकट पड़ोसी देश भारत के साथ नेपाल के संबंध बिगाड़ने का आरोप लगाया। प्रचंड ने कहा कि ओली की व्यक्तिगत कुंठा की वजह से अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल हुई है।

प्रचंड ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि उनके कार्यकाल में बड़े भ्रष्टाचार संबंधी खोली गईं फाइलों को ओली सरकार ने बंद कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार को प्रधानमंत्री और मंत्री नहीं, बल्कि बिचौलिए चला रहे हैं। देश में भ्रष्टाचार चरम पर रहने और कुछ स्वार्थ समूह के लिए सरकार काम कर रही है। हाल ही में लाए गए अध्यादेश का विरोध करते हुए विपक्षी मोर्चा ने इसे ओली की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध का कदम बताया है। उन्होंने जल्द से जल्द संसद का अधिवेशन बुलाने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि सरकार संसद का नियमित अधिवेशन नहीं बुलाती है तो विपक्षी मोर्चा विशेष अधिवेशन की मांग करेगा।