कोलकाता, 08 अप्रैल । कोलकाता और हावड़ा की सड़कों पर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी, भाकपा (मार्क्सवादी) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध उस फैसले के बाद हुआ, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के निर्णय को बरकरार रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को “दूषित और भ्रष्ट” करार दिया। जिन लोगों की नौकरियां चली गईं, उन्होंने आरोप लगाया कि एसएससी असली और फर्जी चयनित उम्मीदवारों के बीच अंतर करने में असफल रहा, जिससे योग्य अभ्यर्थी भी प्रभावित हुए।

कोलकाता में भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के लगभग 100 कार्यकर्ताओं ने एमजी रोड-सेंट्रल एवेन्यू चौराहे पर करीब एक घंटे तक सड़क जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए टायर जलाए। बीजेवाईएम नेता तमोघ्नो घोष के साथ पुलिस द्वारा कथित बदसलूकी के विरोध में भी नारेबाजी हुई। यह घटना सोमवार को ममता बनर्जी के कालीघाट आवास की ओर निकाली गई भाजपा रैली के दौरान हुई थी।

हावड़ा में भाकपा (मार्क्सवादी) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के लगभग 300 कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया। इस दौरान पुलिस और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।

कांग्रेस पार्टी के लगभग 100 कार्यकर्ताओं ने भी मध्य कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय से एक रैली निकालकर योग्य शिक्षकों के प्रति समर्थन जताया। वहीं, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज स्ट्रीट पर कुछ समय के लिए रास्ता जाम किया।

पुलिस के अनुसार, सभी प्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण रहे, हालांकि इससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था बाधित हुई।